पढ़ाई के लिए बच्चों पर दबाव बनाना है गलत

आगरा। सीबीएसई की सीसीई मूल्यांकन पद्धति से स्टूडेंट्स को बेनीफिट मिल रहा है। सीसीई पद्धति स्टूडेंट के ऑवर ऑल डवलपमेंट को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है। यह कहना है सीबीएसई की डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन नेहा शर्मा का। रविवार को नेहा शर्मा दयालबाग स्थित प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में आयोजित ऑल इंडिया ताज वैलनेस फेस्टिवल में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मलित हुई।

एक वर्ष परर्फोमेंस देखना गलत

नेहा शर्मा ने कहा कि बच्चों पर पढ़ाई के लिए प्रेशर बनाना सही नहीं है। एक साल में बच्चे की परर्फोमेंस को रिजल्ट के आधार पर तय करना गलत है। सीबीएसई की सीसीई पद्धति में इस सोच को बदला गया है। इसके तहत स्टूडेंट को एक माह का सिलेबस कराया जाएगा और कराए गए कोर्स का एग्जाम कराया जाएगा। ऐसा करने से स्टूडेंट की मंथली परर्फोमेंस का आकंलन किया जा सकेगा।

स्टडी के साथ खेल बेहद जरूरी

स्टूडेंट पर सिर्फ पढ़ाई के लिए ही दबाव बनाते रहना भी ठीक नहीं है। डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि स्टूडेंट के लिए जितनी पढ़ाई जरूरी है, उतना ही खेलना भी जरूरी है। सीबीएसई स्कूल को जारी किए गए सरकुलर में भी साफ किया गया है कि स्टूडेंट के लिए खेल का एक पीरियड जरूर होना चाहिए।

समझें बच्चों को

अभिवावक अपनी सोच बच्चों पर थोपते हैं। कोई सब्जेक्ट वीक है, तो बच्चे को हताश करने के बजाए, उसको समझने का प्रयास करें। बच्चे की इच्छा क्या है, उसे समझने का प्रयास करें। तभी बच्चों का ऑवरऑल डवलपमेंट हो पाएगा।

उड़ान से लगेंगे बेटियों के सपनों को पंख

सीबीएसई डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि सीबीएसई का उड़ान प्रोजेक्ट बेटियों के सपनों को साकार करेगा। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए उन्हें सीबीएसई द्वारा फ्री कोचिंग दिलाई जा रही है। इस कोचिंग के लिए सीबीएसई अपने बोर्ड की मेधावी छात्राओं का चयन कर रहा है।

आईआईटी के फैकल्टी बना रहे सिलेबस

उन्होंने बताया कि सीबीएसई उड़ान प्रोजेक्ट के तहत बेटियों को जो कोचिंग दी जा रही है, उसमें आईआईटी, एनआईटी के फैकल्टी सिलेबस और स्टडी मेटर तैयार कर रहे हैं। इस कोचिंग से बेटियों को निजी कोचिंग में लाखों रुपये खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रोजेक्ट उड़ान के तहत आगरा में डीपीएस को सेंटर बनाया गया है। यहां पर छात्राओं की स्टडी चल रही है।

आठ घंटे सोना बेहद जरूरी कुणाल शर्मा

मुम्बई से आए फिटनेस एक्सपर्ट कुणाल शर्मा ने बताया कि स्वस्थ रहने के लिए आठ घंटे की नींद बेहद जरूरी है। आज बच्चों पर इतना लोड हो गया है, कि वे सोना भूल चुके हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ रहने के चार मूल मंत्र हैं, स्लीप, मेडीटेशन, फूड और एक्सरसाइज। इन चारों मंत्र में से बस फूड पर फोकस है, वो भी सही तरीके से नहीं। क्या खा रहे हैं, बॉडी को क्या जरूरत है, कुछ नहीं पता है, बस खाते जा रहे हैं। डायटिंग के बारे में पूछे गए प्रश्न पर कुणाल शर्मा ने बताया कि डायटिंग से कुछ नहीं होता है। जब तक टाइम टेबिल नहीं सुधरेगा, तब तक कुछ नहीं हो सकता है। समय पर खाना, एक्सरसाइज करना, नींद पूरी करना बेहद जरूरी है।

110 पोस्टर किए गए प्रदर्शित

प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में आयोजित ऑल इंडिया वैलनेस फेस्टिवल के तीसरे दिन वेलनेस प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इसमें स्टूडेंट द्वारा 110 पोस्टर प्रदर्शित किए गए, जिनकी विषय वस्तु में सोशल, वैलनेस, इमोशनल वैलनेस, स्प्रिच्युअल वैलनेस, एन्वायरमेंटल वैलनेस एवं फिजिकल वैलनेस को उकेरा गया।