अधिक रिजल्ट होने के कारण हुआ ऐसा

खासकर 12वीं में लगातार हाई स्कोर परफॉर्मेंस रहने के कारण बोर्ड की ओर से यह निर्णय लिया गया है। सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की एक मीटिंग पिछले हफ्ते दिल्ली में आयोजित हुई। मीटिंग में देखा गया कि 2013 में 44,676 स्टूडेंट्स को 90 परसेंट के ऊपर माक्र्स आए, जबकि पांच साल पहले तक यह आंकड़ा 15,839 स्टूडेंट्स था। इस संबंध में सीबीएसई की मीडिया को-ऑर्डिनेटर रमा शर्मा ने बताया कि बोर्ड का मानना है कि सैंपल पेपर्स की वजह से स्टूडेंट्स हर साल कुछ क्वेश्चन सेलेक्ट कर एक्जाम की तैयारी करते हैं, जिससे वे हाई स्कोर ला रहे हैं। सैंपल पेपर बंद होने से वे पूरा सिलेबस पढ़ कर जाएंगे, जिससे उन्हें हर टॉपिक की जानकारी मिल पाएगी।

चल रहा था सैंपल पेपर पब्लिकेशन

सीबीएसई की ओर से पिछले 20 सालों से स्टूडेंट्स को एग्जाम की तैयारी के लिए सैंपल पेपर की सुविधा दी जाती थी। इसके लिए सैंपल पेपर पब्लिकेशन भी चल रहा था, लेकिन अब बोर्ड इस सैंपल पेपर पब्लिकेशन को बंद करने जा रहा है। अगले साल से स्टूडेंट्स को सैंपल पेपर नहीं मिलेगा। एक तरफ सीबीएसई एग्जाम पैटर्न को ईजी बनाने की पहल करता रहता है। वहीं, दूसरी तरफ एग्जाम को टफ बनाने के भी उपाय कर रहा है। पिछले 20 सालों से 11वीं और 12वीं के एग्जाम की तैयारी के लिए बोर्ड सैंपल पेपर जारी करता आ रहा है, जिससे एग्जाम के टाइम स्टूडे्रंट्स को क्वेश्चन पैटर्न और मार्किंग की बेसिक जानकारी मिल जाती थी। गौरतलब है कि एग्जाम के कुछ महीने पहले सैंपल पेपर निकाला जाता था।

Teachers says

20 साल से क्यों चल रहा था

सीबीएसई के सैंपल पेपर बंद करने को लेकर अभी स्कूल्स और टीचर्स के बीच नाराजगी नजर आने लगी है। सेंट माइकल हाई स्कूल की इंगलिश टीचर डॉ। रश्मि सहाय ने बताया कि सैंपल पेपर से स्टूडेंट्स को कई तरह की हेल्प मिल जाती थी, इसलिए इसे बंद नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि अभी कॉम्पटीटिव एग्जाम का टाइम है। कोई भी स्टूडेंट सैंपल पेपर पर निर्भर नहीं हो सकता। बस स्टूडेंट्स अपना कांसेप्ट क्लियर करने के लिए सैंपल पेपर की मदद लेते थे।

Students says

कोई फर्क नहीं पड़ेगा

सैंपल पेपर का इंतजार स्टूडेंट्स हर साल एक्जाम से पहले ही शुरू कर देते थे। लोयेला हाई स्कूल के 12वीं के स्टूडेंट रोहित ने बताया कि सैंपल पेपर से थेाड़ी-बहुत हेल्प मिलती है, पर उस पर निर्भर होकर तो पढ़ाई नहीं की जा सकती। वहीं, सेंट माइकल हाई स्कूल 12वीं की स्टूडेंट पल्लवी बताती है कि इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। अगर निकलता तो हम थोड़ा देख लेते। नहीं भी निकलेगा, तो पूरी तरह निर्भरता हमें सिलेबस पर ही रखनी होगी।

बोर्ड की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में निर्णय लिया गया है कि नेक्स्ट ईयर से सैंपल पेपर को बंद किया जाए। बोर्ड का मानना था कि कहीं ना कहीं स्टूडेंट्स इसकी मदद से ही एग्जाम की तैयारी करते हैं और इससे क्वालिटी एजूकेशन पर फर्क पड़ता है।

डॉ, साधना पराशर, एकेडमिक हेड, सीबीएसई

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