प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत तीन में से दो मरीजों का नहीं हो पाया आईडेंटिफिकेशन

पीएमजेएवाई का पहला लाभार्थी बना अदालत

मेरठ का पहला और यूपी का 16वां लाभार्थी बना अदालत, जिला अस्पताल में इलाज की प्रक्रिया शुरू

Meerut। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत लाभ लेना मरीजों के लिए चुनौती बन गया है। बुधवार को योजना के तहत रजिस्टर्ड अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचे लाभार्थी आईडेंटिफिकेशन की प्रक्रिया में ही उलझकर कर रह गए। मिस मैनेजमेंट का आलम यह रहा कि किसी का नाम योजना में रजिस्टर्ड नहीं मिला तो किसी का वेरीफिकेशन न होने की वजह से इलाज में देरहो गई।

योजना का पहला लाभार्थी

देवरिया के सिमरी गांव निवासी 60 साल के अदालत किसान हैं, जो मेरठ में पीएमजेएवाई योजना के पहले लाभार्थी बने हैं। यूपी में उनका 16वां नंबर हैं। अदालत को कूल्हे में दर्द और यूरिन पास न होने की समस्या है। अदालत के दामाद रमेश ने बताया कि सिमरी में उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं था इसलिए दो महीने पहले इलाज के लिए उन्हें मेरठ बुला लिया था। पहले भी कई डॉक्टर्स को दिखाया लेकिन इलाज का महंगा खर्च वहन करना उनके लिए मुमकिन नहीं था। इसी दौरान उन्हें प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का पता चला, जिसके बाद वह मंगलवार को जिला अस्पताल पहुंचे। हालांकि वेरिफिकेशन न होने की वजह से बुधवार को अदालत के इलाज की प्रक्रिया शुरू हो सकी। जिला अस्पताल में आरोग्य मित्र विनोद ने बताया कि अदालत की जांच सर्जन डॉ। वीर सिंह कर रहे हैं। अल्ट्रासाउंड करा लिया गया है। जबकि यूरिन और ब्लड जांच गुरुवार को की जाएगी। इसके बाद ही आगे के इलाज की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। इस इलाज के लिए प्राइवेट अस्पताल में करीब 20 से 35 हजार रुपये का खर्चा आता है।

सर्वर डाउन, वेरिफिकेशन नहीं

गढ़ रोड स्थित विजन आई केयर आई एंड लेजर सेंटर में सफेद मोतिया का इलाज कराने पहुंची कमलेश का ऑपरेशन ही नहीं हो सका। अस्पताल के एमडी डॉ। शकील अहमद ने बताया कि कमलेश का वेरिफिकेशन नहीं हो पाया इसलिए उनका ऑपरेशन नहीं किया जा सका। यही नहीं 25 से 30 बार टोल नंबर 14555 पर कॉल किया, लेकिन कॉल कनेक्ट नहीं हुई। जोनल हेड से संपर्क करने की कोशिश की, वेबसाइट भी कई बार चेक की लेकिन कनेक्टिविटी ही नहीं मिल पाई। ऑपरेशन के लिए अब कमलेश को एक-दो दिन इंतजार करना होगा। इस ऑपरेशन के लिए प्राइवेट में 30 हजार रूपये तक का खर्च आता है। वहीं योजना के तहत सिर्फ 7500 रूपये की ही लागत आएगी, जो पांच लाख के बीमे से ही डिडक्ट होगी।

योजना के तहत डिलीवरी

महिला अस्पताल में योजना का लाभ देने के लिए बुधवार को आनन-फानन में एक महिला की डिलीवरी इस योजना के तहत करा दी गई। जबकि अस्पताल में शाम को करीब 5 बजे लिस्ट में महिला का नाम रजिस्टर्ड न मिलने पर महिला को योजना का लाभ नहीं दिया गया।