MATHURA (25 April): सोमवार से शुरू हुई तीन दिवसीय हड़ताल पहले दिन बुरी तरह फ्लाप हो गई। श्रीसराफा कमेटी मथुरा नगर में ही दुकानों को सख्ती से बंद नहीं करा सकी। चौक बाजार में जरूर धरना-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ आग उगली गयी। उप्र सराफा एसोसिएशन के आह्वान पर सोमवार से हड़ताल रखने का निर्णय लिया गया था। हड़ताल के पहले दिन ही नगर के चौक बाजार, मंडी रामदास, छत्ता बाजार, होली गेट, जनरल गंज, सदर, कृष्णा नगर, धौली प्याऊ आदि क्षेत्रों में दुकानदारों ने सुबह दस बजे के बाद से पूर्व की तरह ही दुकान खोलना शुरू किया। अधिकांश दुकानें पूरी तरह खुली रही, जबकि कुछ प्रतिष्ठानों पर आधे शटर गिरे रहे।

संगठनों ने नहीं दिखाई सख्ती

प्रतिष्ठानों को बंद कराने के लिए संगठनों ने कोई सख्ती भी नहीं की। हड़ताल पहले दिन नगर में ही बेअसर रही। कारोबारियों का कहना था कि पिछली लंबी हड़ताल में ही कारोबार बुरी तरह पिट गया था। अब साहलग की वजह से कुछ हाथ चलने लगा है। ज्यादातर का मानना था कि अब तीन दिन की हड़ताल जबरन बुलाई गई है। दरअसल छोटे कारोबारियों को नए कानून से राहत देने के केंद्र सरकार के आश्वासन पर वे भरोसा कर रहे हैं। कुछ का मानना है कि बड़े कारोबारी और गोल्ड कंपनियां आंदोलन को हवा दे रही हैं। दरअसल एक माह पहले दो मार्च से सराफा संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए एक फीसद उत्पाद कर कानून की वापसी को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की थी।

केंद्र का रोलबैक से इंकार

उस दौरान काफी धरना-प्रदर्शन आदि किए गए, लेकिन केंद्र सरकार ने रोल बैक करने से इंकार कर दिया। वह हड़ताल 42 दिन चलने के बाद साहलग शुरू होने से ठीक पहले स्थगित कर दी गयी। सराफा संगठनों ने सदस्य कारोबारियों को समझाया कि सरकार उनकी मांगों से सहमत है और उसने राहत देने का आश्वासन दिया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो 22 अप्रैल से फिर हड़ताल की जाएगी। इस बीच चौक बाजार में श्रीसराफा कमेटी की ओर से धरना-प्रदर्शन कर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गयी। वक्ताओं का कहना था कि उत्पाद कर वापसी न होने का खामियाजा भाजपा को उठाना होगा।