इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से निगरानी की तैयारी

इस योजना के तहत लाभार्थियों की पहचान के लिए देश के 1.8 लाख फेयर प्राइस शॉपस पर इलेक्ट्रॉनिक पाइंट ऑफ डिवाइसेज लगाए जाएंगे और यह देखा जाएगा की हर परिवार को कितना अनाज दिया जा रहा है। इस योजना को सरकार गरीबों का हक मान रही हैं। इसके जरीए वह आश्वस्त होना चाहती है कि हर नागरिक को दो वक्त का खाना मिल पा रहा है।

1 अप्रैल से होगा लागू

योजना की जानकारी रखने वाले गवर्नमेंट ऑफिशल का कहना है कि 1 अप्रैल से इस एक्ट को 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 70 करोड़ लोगों पर लागू करेगी। इसके लिए उन्होंने इसका बजट 124,419 करोड़ रुपये रखा है जो बजट के फूड सब्सिडी से ज्यादा है। इस साल के बजट में फूड सब्सिडी के लिए 130,000 करोड़ रुपये एलोकेट किए गए हैं। इस योजना के जरीए मोदी सरकार गराबों को दो वक्त का खाना मिल सके। इसके साथ ही वह आलोचकों को जवाब भी देना चाहती है कि वह 'सूट-बूट' की सरकार नहीं है।

समय-समय पर पीएम मोदी ले रहे जानकारी

फूड डिस्ट्रिब्यूशन मिनिस्ट्री के एक अधिकारी का कहना है कि पीएम मोदी इस एक्ट को लागू करने के लिए बेहद सजग है और पल-पल इसकी प्रगति की खबर रख रहे हैं। वह राज्यों के मुख्य सचिवों से 6 महीनों में तीन बार इसकी प्रगति की अपडेट ले चुके हैं।

Business News inextlive from Business News Desk