-गश्त को वन विभाग के पास नहीं है जीप व दोपहिया वाहन
-वन विभाग परिसर में सरकारी बुलेट भी फांक रही धूल
ROORKEE : न गश्त के लिए जीप है, न दोपहिया वाहन। हथियार हैं जरुर, लेकिन वर्षो पुराने। आवश्यकता पड़ने पर हथियार चले न चले, इसकी गारंटी भी नहीं है। यह हाल वन विभाग का है, जो संसाधनों से जूझ रहा है। इस स्थिति में वन तस्करों से पार पाना किसी चुनौती से कम नहीं है। यही नहीं, अवैध कटान को रोकना भी मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
बिना साधन कैसे लगेगी लगाम
भले ही वन विभाग वन तस्करों पर लगाम लगाने के दावे करता हो, लेकिन हकीकत इसके उलट है। लगातार अवैध कटान के मामले सामने आने के बाद भी वन विभाग तस्करों पर लगाम लगाने के लिए कामयाब नहीं हो सका है। सरकारी पेड़ समेत हरे पेड़ों का कटान हो रहा है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी संसाधनों के अभाव में समय से कार्रवाई नहीं कर पाते हैं। हाल यह है कि वनविभाग रुड़की के वन क्षेत्राधिकारी के पास निरीक्षण करने के लिए सरकारी जीप तक नहीं है, जबकि गश्त करने के लिए फारेस्ट गार्ड के पास दोपहिया वाहन तक नहीं है। रुड़की कार्यालय परिसर में सरकारी बुलेट धूल फांक रही है। इसी तरह राइफल आठ हैं, वो भी बीस वर्ष पुरानी। संसाधनों के अभाव होने के कारण तस्करों की सक्रियता बढ़ रही है, जबकि वन विभाग का सूचना तंत्र भी कमजोर होता जा रहा है।
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आवश्यकता है
दोपहिया वाहन-आठ
जीप-एक
जानवरों को पकड़ने का वाहन-एक
वन सरंक्षक-दो
हथियार-नए
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हाल ही में पेड़ कटान के मामले
-क्9 अप्रैल ख्0क्ब् को गंगनहर किनारे कलियर के पास दो सागौन के पेड़ काटना
-ख्0 अप्रैल ख्0क्ब् को मुख्य गंगनहर के समीप से एक शीशम का पेड़ काटना
-ख्क् अक्टूबर ख्0क्ब् को भगवानपुर में चार जमोया के पेड़ काटना
-ख्म् अक्टूबर ख्0क्ब् को भगवानपुर में एक यूकेलिप्टिस के पेड़ काटना
-ख्9 को शेरपुर में हरे पेड़ों पर आरियां चलना
-भ् नवंबर को सलेमपुर में हरे आम के पेड़ पर आरियां चलना
-भ् नवंबर को कलियर स्थित खानसामे के पास गुलर का पेड़ काटना
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'निरीक्षण को सरकारी जीप व गश्त के लिए आठ दोपहिया वाहन की आवश्यकता है। इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है.'
-महेश सेमवाल,वन क्षेत्राधिकारी,वन विभाग