हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के झकही के रहने वाले थे शहीद बलराम सिंह

राजघाट में हुआ अंतिम संस्कार, बेटे अमन ने दी चिता को आग

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हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के झकही गांव निवासी असम रायफल्स के शहीद नायब सूबेदार बलराम सिंह को शनिवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। 37 वर्षीय नायब सूबेदार की मणिपुर में तैनाती थी। पेट्रोलिंग के दौरान भूस्खलन की चपेट में आने से वे शहीद हो गए थे। शुक्रवार को उनका शव गोरखपुर पहुंचा। राप्ती नदी के राजघाट पर शाही सम्मान के साथ शहीद को अंतिम सलामी दी गई। सैनिक की चिता जलने लगी तो सेना, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की आंखें नम हो उठीं। उनकी चिता को आग उनके बेटे अमन सिंह ने दी। क्षेत्र भर से बड़ी संख्या में लोगों ने घाट पर आकर शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की।

पेट्रोलिंग में शहीद हुए थे बलराम सिंह

हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के झकही निवासी बलराम सिंह 37 असम रायफल्स में नायब सूबेदार थे। उनकी तैनाती मणिपुर में थी। 28 जुलाई की रात वह एक अन्य जवान के साथ पेट्रोलिंग पर थे। तभी भूस्खलन की चपेट में आकर वह गहरी खाई में धंस गए। रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर जवानों ने उनको बाहर निकाला। लेकिन तब तक उनकी जान जा चुकी थी। ड्यूटी पर शहीद हुए सैनिक की डेड बॉडी शुक्रवार की देर रात सेना के वाहन से गोरखपुर पहुंची। शनिवार की सुबह उनका अंतिम संस्कार राजघाट में कराया गया।

पांच भाइयों में तीसरे नंबर के थे बलराम

सैनिक के निधन से पूरे गांव में तो मातम पसरा ही रहा। क्षेत्र के लोग भी शोकाकुल थे। पांच भाइयों में तीसरे नंबर के बलराम की फैमिली गोरखनाथ, विस्तार नगर मोहल्ले में रहती है। बलराम के बड़े भाई तेज प्रताप सिंह, दूसरे नंबर के सुग्रीव सिंह, चौथे नंबर के देव नारायण सिंह और पांचवें नंबर के शमशेर सिंह हैं। सभी भाई पैतृक आवास हरपुरबुदहट के छकही में रहते हैं। बलराम की दो बेटियां लेखा व प्रिया तथा बेटा अमन सिंह है। पति की मौत से पत्‍‌नी मनोरमा सिंह बेसुध हो चली हैं।