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LUCKNOW : दरअसल, आरोपियों को धोखाधड़ी की सामान्य धोखाधड़ी धाराओं में ही चालान किया गया था। जिसके बाद उनके जमानत पर छूट जाने की आशंका थी। अमूमन देखा गया है कि जमानत पर छूटने के बाद आरोपी फिर से इसी गोरखधंधे में लग जाते हैं। यही वजह है कि गैंग बनाकर फर्जीवाड़ा करने वाले आरोपियों पर अब पुलिस गैंगस्टर एक्ट लगाने की तैयारी में है। इसके लिये एसटीएफ जल्द निर्देश जारी करेगी।

चार जिलों में पकड़े गए थे 51 आरोपी

बीते दिनों दारोगा भर्ती परीक्षा, कॉन्सटेबल भर्ती परीक्षा समेत विभिन्न सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग की धमक ने पूरी परीक्षा प्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिये थे। इसी के मद्देनजर सहायक भर्ती परीक्षा में सॉल्वर गैंग व पेपर लीक माफिया कोई खलल न डाल सकें, इसे लेकर यूपी पुलिस ने व्यापक रणनीति तैयार करते हुए यूपी एसटीएफ को निगरानी में लगाया था। बीती 29 जुलाई को आयोजित परीक्षा के शुरू होने से पहले ही एसटीएफ की टीमों ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लखनऊ से 34, इलाहाबाद से 12, कानपुर नगर से 4 और मथुरा से एक आरोपी को दबोच लिया। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी तादाद में सॉल्वर गैंग के पकड़े जाने पर अधिकारी भी हैरान हैं और इसे बड़ी सफलता माना गया था। गौरतलब है कि गिरफ्त में आए आरोपियों में डॉक्टर, फार्मासिस्ट और लेक्चरर भी शामिल थे, जो बिचौलिये की भूमिका निभा रहे थे।  

प्रक्रिया पर चल रहा काम
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि सॉल्वर गैंग मेहनत से तैयारी कर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करते हैं। जिससे उनका हक मारा जाता है और ऐसे अभ्यर्थी को नौकरी मिल जाती है, जो उसके काबिल ही नहीं। सॉल्वरों का यह गोरखधंधा गैंग बनाकर संचालित होता है, इसलिए उनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होना बेहद जरूरी है। एसएसपी सिंह ने बताया कि बीते दिनों लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर व मथुरा से दबोचे गए सॉल्वर गैंग के मेंबरों पर गैंगस्टर लगाने के लिये जरूरी प्रक्रिया की जा रही है। जिसके बाद संबंधित जिलों की पुलिस को इस बाबत निर्देश दिये जाएंगे।

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