-ऋण जमा अनुपात व कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलटी में फिसड्डी बैंकों की शिकायत केंद्र से करेंगे

PATNA : सोमवार को वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने विधानसभा में कहा कि बैंकों में सरकारी राशि रखने को ले सरकार ने एक मानक तैयार किया है। इसके तहत अंकों के आधार पर निर्णय होते हैं। जिन बैंकों के अंक पैंतीस से कम होते हैं उन बैंकों में सरकार अपनी राशि नहीं रखती है। ग्रामीण बैंकों के संबंध में अलग से कोई नीति नहीं है।

बृज किशोर बिंद द्वारा इस बाबत पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री ने यह बात कही। बिंद ने यह प्रश्न उठाया था कि बिहार में कार्यरत अनुसूचित बैंकों में से केवल उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक, मध्य बिहार ग्रामीण बैंक और बिहार ग्रामीण बैंक का मुख्यालय बिहार में है। इनमें सरकार की हिस्सेदारी पंद्रह प्रतिशत है। इसके बावजूद सरकार अपना 90 से 9भ् प्रतिशत पैसा अन्य बैंकों में रखती है। वित्त मंत्री ने कहा कि कामर्शियल बैंकों पर राज्य सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की जनवरी में हुई बैठक में भी सीएम ने बैंकों के ऋण जमा अनुपात व कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलटी के मुद्दे को उठाया था। अब केंद्रीय मंत्री से मिलकर इस मामले में शिकायत की जाएगी।

नए जिला निर्माण का कोई प्रस्ताव लंबित नहीं

सामान्य प्रशासन विभाग के प्रभारी मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने प्रश्नकाल के दौरान सदन को यह जानकारी दी कि वर्तमान में सरकार के पास नए जिला या प्रमंडल बनाए जाने का कोई भी प्रस्ताव लंबित नहीं है। विद्यासागर केसरी ने फारबिसगंज अनुमंडल को जिला बनाए जाने से संबंधित सवाल को उठाया था। इस प्रश्न में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने भी बाढ़ को जिला बनाए जाने से संबंधित पुरानी मांग को उठा दिया।