द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज इलाहाबाद चैप्टर की ओर से सेमिनार

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ALLAHABAD: द इंस्टीट्यूट ऑफ कम्पनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया के इलाहाबाद चैप्टर की ओर से रविवार को जीएसटी पर सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें टैक्स कंसल्टेंट, मास्टर ट्रेनर और जीएसटी एडवाइजरी बोर्ड के मेम्बर डा। पवन जायसवाल ने जीएसटी पर चर्चा के इसे कानून के लिए जरूरी बताया।

एक समान होगी कीमत

सिविल लाइंस कूपर रोड स्थित ऑफिस में आयोजित सेमिनार में डा। पवन जायसवाल ने कहा कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स मॉडल कानून का पालन करने वाले व्यापारियों, प्रोफेशनल्स और सर्विस मैन के लिए जरूरी है। जीएसटी लागू होने के बाद वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगभग एक हो जाएंगी। मैन्युफैक्चरिंग लागत घटेगी, जिससे उपभोक्ताओं के लिए सामान सस्ता होगा।

अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

अप्रत्यक्ष कर की इस नई व्यवस्था से अर्थव्यवस्था को 60 लाख करोड़ रुपये का फायदा होगा। केंद्र के स्तर पर यह केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और अतिरिक्त सीमा शुल्क और राज्य स्तर पर वैट, मनोरंजन, विलासिता, लॉटरी टैक्स और बिजली शुल्क को समाहित कर लेगा। यही नहीं जीएसटी लागू होने के बाद सब कुछ आनलाइन होगा। जीएसटी के सॉफ्टवेयर को इंफोसिस द्वारा संचालित किया जाएगा और समाज के सभी वर्ग के लोगों की मदद की जाएगी। इस दौरान चैप्टर के चेयरमैन सीएस एसडी त्रिपाठी, अभिषेक मिश्रा, हिमांशु श्रीवास्तव, आईए खान, पारुल भार्गव, बीके मिश्रा, बबिता जैन, डा। सुब्रतो रॉय, जया, इशिता, लवकुश आदि मौजूद रहे।

बताया, क्या है जीएसटी

जीएसटी एक वैट है, जो वस्तुओं और सेवाओं दोनों पर लगेगा

वैट सिर्फ वस्तुओं पर लागू होता है, लेकिन जीएसटी दोनों स्तरों पर लगेगा

एक केंद्रीय जीएसटी होगा, जबकि दूसरा स्टेट जीएसटी होगा।

पूरा देश एकीकृत बाजार में हो जाएगा तब्दील

प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर जीएसटी में हो जाएंगे समाहित

जीएसटी लागू होने के बाद केंद्रीय बिक्री कर-सीएसटी खत्म हो जाएगा

प्रवेश शुल्क और चुंगी भी खत्म हो जाएगी, एक टैक्स से दाम घटेंगे

सरकार की टैक्स वसूली की लागत भी घट जाएगी