- गंगा तट के दूसरे छोर पर अपने को अंतिम विदाई का मातम

मवाना : पतित पावनी गंगा के तट पर कामना पूर्ण होने का उल्लास तो दूसरी ओर अपने को खोने का मातम। एक घाट मखदूपुर और दूसरा बिजनौर की तरफ गंगा के उस पार। मखदूमपुर घाट पर अपार श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर डुबकी लगाकर पुण्य संचित कर रहे हैं। दूसरी ओर दुख का सैलाब लिए अग्नि में किसी अपने को अंतिम विदाई देने के बाद अश्रुधारा लिए डुबकी लगा रहे थे।

श्रद्धालुओं ने लगाई डूबकी

कार्तिक पूर्णिमा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। कोई कामना पूर्ण होने पर गाजे-बाजे के साथ गंगा मैय्या के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने पहुंचा है तो कोई इस उम्मीद के साथ कि 'पाप' धुल जाएंगे और कष्ट से मुक्ति मिलेगी। मुंडन संस्कार आदि धार्मिक गतिविधियां मेले में रंग भर रही थीं। श्रद्धालु साथ लाए मवेशियों को भी इस उम्मीद से कि नहला रहे थे कि शायद उसका अगला जन्म संवर जाए।

अपने खोने का गम

दूसरी ओर सजी चिताओं से उठती लपटें कुछ संदेश दे रही थीं। वहीं पास खड़े लोगों की आंखें किसी अपने का साथ छूट जाने की गवाही दे रही थीं। आंख से निकलती 'गंगा-जमुना' बता रही थीं कि उन्हें जो 'दर्द' मिला है अब उसे वक्त का मरहम ही भर पाएंगा। वे गंगा में डुबकी लगा रहे थे।

मुलाजिमों ने भी लगाई डुबकी

कार्तिक पूर्णिमा पर मखदूमपुर का गंगा स्नान मेला खास अहमियत रखता है। व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस-प्रशासन स्तर पर तमाम इंतजाम के साथ अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं। मुख्य स्नान से पूर्व बुधवार देर शाम तक पतित पावनी गंगा में लाखों श्रद्धालु डुबकी लग चुके थे। घाट पर व्यवस्था बनाए रखने, छेड़छाड़, चोरी व छीना-झपटी आदि को रोकने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मियों को मेला परिसर में तैनात किया गया है। ये बात दीगर है कि अतिसंवेदनशील मेले में भी ड्यूटी के प्रति लापरवाही कितनी उचित है? बुधवार देर रात मुख्य स्नान को गंगा घाट पर एकाएक उमड़े श्रद्धालुओं के सैलाब ने जिला पंचायत की व्यवस्था को एक झटके में ध्वस्त कर दिया। देखते-देखते अव्यवस्था व्याप्त हो गई। वहां पाया गया कि जिम्मेदारी को नजरांदाज कर सरकारी मुलाजिम भी गंगा में डुबकी लगाकर धर्म लाभ कमाने का अवसर नहीं छोड़ रहे।

मोटरबोट का उठाया लुत्फ

मेले में व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए तैनात सरकारी मुलाजिमों की निगरानी की जिम्मेदारी जिन बड़े पुलिस व प्रशासनिक अफसरों पर थी, वे खुद गंगा में मोटरबोट की सैर का लुत्फ उठाने में व्यस्त रहे। उक्त बड़े अधिकारी कभी इस पार तो कभी उस पार, बोट से घूमते रहे और इनके अधीनस्थ खुद को 'पावन' करते रहे।

कामना कर नारियल चढ़ाया

एक तरफ श्रद्धालुओं ने कामना पूरी होने पर मां गंगा में नारियल, ध्वज और पान चढ़ाया तो दूसरी ओर अपनों को खोकर उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान भी किया।

जाम से जूझते रहे भक्त

गंगा मेले में ज्यादातर श्रद्धालु भैंसा-बुग्गी,ट्रैक्टर-ट्रॉली, जुगाड़ व अन्य संसाधनों से पहुंच रहे हैं। दिनभर वाहनों का आवागमन बना रहने से मेला परिसर में जाम की स्थिति बनी रहती है। बुधवार देर शाम श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा तो जबरदस्त जाम लग गया, जिससे श्रद्धालुओं को खासी मुसीबत झेलनी पड़ी।

अच्छी दुकानदारी से खिले चेहरे

मेला परिसर में सजी दुकानों पर अच्छी बिक्री होने से दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कान तैर रही थी। इन दुकानों पर महिलाओं व बच्चों का जमावड़ा देखने को मिला।