इलाहाबाद हाईकोर्ट में, गम्भीर बीमारी से पीडि़त अध्यापको के तबादले में 5 वर्ष सेवा की बाध्यता नियम में छूट देने की मांग में दाखिल याचिकाओं की सुनवाई 12 अप्रैल को होगी। राज्य सरकार व बेसिक शिक्षा परिषद की तरफ से यह कहते हुए सुनवाई टालने की मांग की गयी कि अध्यापको के तबादले के ऑनलाइन आवेदन जमा करने की तिथि समाप्त हो चुकी है और तबादले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में यदि हस्तक्षेप किया गया तो पूरी तरह से कियास हो जायेगा।

यह आदेश जस्टिस एमसी त्रिपाठी ने अनुरुद्ध कुमार त्रिपाठी व अन्य कई लोगोंकी याचिकाओं पर दिया है। याचियों का कहना है कि वे गम्भीर बीमारी से ग्रस्त हैं। सरकार ने विवाहित अध्यापिकाओं को 5 वर्ष तक तबादला न करने के नियम से छूट दी है। एक याची की किडनी खराब है। इलाज कराने के लिए उसका भी तबादला किया जाय। याचिका में नियम 8 (2) डी की वैधता को चुनौती देते हुए कहा गया है कि विभा सिंह कुशवाहा केस में कोर्ट ने महिला अध्यापिकाओं को छूट दी है इसलिए याचियों को भी छूट दी जाय।