- पाकिस्तान के पेशावर शहर में बच्चों के साथ हुई घटना पर मेरठ भी रोया

- कहा, बच्चों को मारना यानि भगवान को चोट पहुंचाना है

Meerut : पेशावर की घटना पर सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं रोया। उसके दुख में दुखी भारत है। उन मासूम बच्चों की मौत पर मेरठ के हर इंसान की आंखों में नमी है। कोई नहीं चाहता कि बच्चों के साथ के साथ कुछ हो। न तो आतंकवाद का कोई चेहरा होता है और न ही उसका कोई मजहब। वो सिर्फ इंसानियत का दुश्मन होता है। जो लोग बच्चों को मार डालते हैं, वो भले ही कोई भी हों इंसान तो कतई नहीं हो सकते। जब मेरठ के लोगों से पेशावर में हुई घटना के बारे में पूछा तो कुछ इसी तरह के जवाब सामने आए।

कहीं दिखी सुरक्षा तो कहीं राम भरोसे

पेशावर के आर्मी स्कूल की घटना के बाद जब कुछ स्कूलों में सिक्योरिटी अरेजमेंट चेक की गई तो कुछ ही स्कूल ऐसे दिखे जो पूरी तरह से सजग थे। वरना बाकी स्कूलों में सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे थी। खासकर यूपी बोर्ड के स्कूलों में कोई सुरक्षा नहीं दिखी। न तो स्कूलों के बाहर कोई गार्ड दिखाई दिया। न ही किसी ने स्कूल के अंदर जाने से पूछा। जबकि सुरक्षा व्यवस्था की बात हर कोई कर रहा था।

हर किसी ने किया विरोध

जब इस बारे में सिटी के पेरेंट्स से बात की गई तो हर किसी ने इस पूरे प्रकरण की बुराई की। पेरेंट्स ने कहा कि हम किसी भी तरह की दुश्मनी बच्चों को मारकर नहीं निकाल सकते हैं। ये तो पूरी तरह से क्रूरता है। जिन लोगों ने इस तरह के कृत्य को किया है, वो बिल्कुल भी माफी लायक नहीं है। इस घिनौने के अपराध के लिए उन्हें मौत की सजा देनी चाहिए।

पेरेंट्स ओपिनियन

जब हमें पेशावर में बच्चों के साथ घटना के बारे में पता चला तो अपने आप ही आंखों से आंसू निकल आए। ऐसा नहीं होना चाहिए था।

- चिन्मय

बच्चों को मारने वालों को ऐसी सजा मिलनी चाहिए जिसके बाद पूरे व‌र्ल्ड में कोई इस तरह का कृत्य न कर सकें। ये घटना पूरे विश्व के लिए दुखदाई है।

- अनुभूति

भगवान उन बच्चों की आत्मा को शांति दे। आज हम एक देश से ऊपर उठकर सोच रहे हैं। ये बच्चे सिर्फ पाकिस्तान नहीं पूरे विश्व थे।

- नरेंद्र शर्मा

जिसके भी सीने में दिल होगा वो इस घटना के बारे में सोचने पर ही सिहर जाएगा। उन बच्चों की कोई गलती नहीं थी। आज सभी देशों को एक मंच पर बैठकर हल निकालना होगा।

- संध्या

आज ये एक देश के साथ हुआ। भगवान न करे। ऐसा अगर किसी दूसरे देश में भी हो। हमारी उन बच्चों के पेरेंट्स के साथ पूरी सहानुभूति है।

- शिवी

आतंकवाद किसी एक देश की नहीं सभी की समस्या है। आज भारत और पाकिस्तान को एक मंच पर आकर इसका सामना करना होगा।

- प्रतीक अभय

उन बच्चों का ख्याल आते ही आंखों में आंसू आ रहे हैं। पेशावर की घटना के बारे में कोई सुनेगा और याद करेगा रो पड़ेगा।

- विशाखा

उन माता-पिता को समझाना बहुत मुश्किल होगा जिनके बच्चे इस नरसंहार का शिकार हुए। कुछ ऐसे होंगे जो इसी सदमें होंगे कि बच्चे स्कूल से घर आएंगे।

- लीना

इससे ज्यादा दर्दनाक और खौफनाक और क्या हो सकता है। आज आतंकवाद के इस स्याह चेहरे के बारे में उन तमाम लोगों को पता लग गया होगा जो आतंकवाद का समर्थन करते रहे हैं।

- सुनील पाल