-गोरखपुर महोत्सव के दौरान करीब 12 लाख रुपए एक्स्ट्रा अदा करना पड़ा है बिल

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में 12 लाख एक्स्ट्रा बिजली का बिल जिम्मेदारों के लिए चिंता का सबब बन गया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट में 4 मई को 'आखिर कहां जला डाली 10 लाख की बिजली' खबर छपने के बाद यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार हरकत में आए हैं। खबर को संज्ञान लेते हुए रजिस्ट्रार शत्रोहन वैश्य ने इस मामले में एक कमेटी से जांच कराने की कवायद शुरू कर दी है और इसके लिए उन्होंने वीसी प्रो। वीके सिंह के सामने जांच कमेटी के लिए प्रस्ताव रखा है। अब यह कमेटी जांच कर इस लापरवाही के लिए जिम्मेदारी तय करेगी और जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनवरी में आया है एक्स्ट्रा बिल

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में जनवरी माह का बिल ज्यादा आया है। इस दौरान जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी कैंपस में 'गोरखपुर महोत्सव' ऑर्गनाइज किया था। इसकी वजह से बिल में इजाफा होना माना जा रहा है। मगर यूनिवर्सिटी में जो बिजली इस्तेमाल होती थी, उसका बिल 30 लाख रुपए ही आता था। वहीं, महोत्सव के दौरान विभाग ने मीटर लगवाया था, जिसकी रीडिंग के मुताबिक यूनिवर्सिटी को उन्होंने दो लाख रुपए बिल में छूट दी है। ऐसे में 12 लाख रुपए एक्स्ट्रा बिल में दो लाख की छूट मिल जाने के बाद भी 10 लाख रुपए एक्स्ट्रा बिल आ रहा है। इस मामले में जिम्मेदार अब कटिया कनेक्शन का अंदेशा जता रहे हैं, जिससे यूनिवर्सिटी के बिल में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

30 लाख दिया जाता है बिल

गोरखपुर यूनिवर्सिटी कैंपस के साथ ही एडी बिल्डिंग और एजुकेशन फैकेल्टी में बिजली इस्तेमाल की जाती है। हॉस्टल में भी जमकर बिजली इस्तेमाल होती है। वहीं कई डिपार्टमेंट में एयर कंडीशन लगे हुए हैं, तो वहीं डिजिटल क्लास रूम्स के साथ ही दूसरी जगह इस्तेमाल करने में यूनिवर्सिटी हर माह बिजली विभाग को करीब 30 लाख रुपए अदा करती है। यहां चौबीस घंटे बिजली सप्लाई की जाती है। मीटर रीडिंग के हिसाब से यूनिवर्सिटी को दो लाख रुपए बिजली का बिल पेमेंट में छूट मिली है। बाकी 10 लाख रुपए की बिजली कहां जली है, इसका रिकॉर्ड किसी के पास नहीं है।

वर्जन

इसकी जानकारी हुई है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की जा रही है। जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

- शत्रोहन वैश्य, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू