RANCHI सरकार ने जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर -3 फ ाइल करने की मियाद एक महीने बढ़ा दी है। इसके लिए पहले अंतिम तारीख 31 अक्टूबर तय की गई थी, लेकिन अब 30 नवंबर तक कारोबारी जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर -3 दाखिल कर सकेंगे। इस फैसले से कारोबारियों को थोड़ी राहत तो मिली है, लेकिन वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि रिटर्न दाखिल करने में जो बेसिक प्रॉब्लम आ रही है, उसे दूर करने की पहल विभागीय स्तर पर क्यों नहीं की जा रही है।

नहीं किया जा रहा अवेयर

विनायका इंटरप्राइजेज के प्रॉपराइटर संदीप गोयल ने बताया कि एक जुलाई से सरकार ने जीएसटी तो लागू कर दिया, लेकिन रिटर्न कैसे भरा जाए? इसका क्या प्रॉसेस है? इसे लेकर कारोबारियों को अवेयर नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने से पहले कार्मशियल टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से सौ से ज्यादा सेमिनार आयोजित किए गए। इन सेमिनारों के मार्फत जीएसटी के बारे में काफी जानकारी दी गई, लेकिन रिटर्न भरने के प्रॉसेस को लेकर एक भी ऐसा सेमिनार नहीं आयोजित किया गया, जिसके जरिए कारोबारियों को इसके प्रॉसेस की जानकारी मिल सके। जीएसटी को लेकर होने वाली परेशानियों व इसके सॉल्यूशन पर सेमिनार में चर्चा नहीं की गई।

नहीं बताया जा रहा सॉल्यूशन

जीएसटी को लेकर सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इसके तमाम पहलुओं की तकनीकी जानकारी कोई नहीं दे पा रहा है। इसमें कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट पूरी तरह फेल साबित हो रहा है। इतना ही नहीं, टैक्स कंसल्टेंट और चार्टर्ड अकाउंटेंट भी कारोबारियों की समस्याओं का पूरी तरह निदान नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में जीएसटी को लेकर रिटर्न दाखिल करना व्यवसायियों के लिए फजीहत भरा साबित हो रहा है।

पोर्टल भी दे रहा धोखा

जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर -3 दाखिल करने को लेकर कारोबारियों के सामने पोर्टल का प्रॉपर वे में काम नहीं करना भी परेशानी का सबब बना हुआ है। घंटों जीएसटी वेबसाइट पर समय देने के बाद भी रिटर्न नहीं दाखिल हो पा रहा है। ऐसे में व्यापारियों का समय भी जाया हो रहा है और बिजनेस भी प्रभावित। इसी वजह से रिटर्न दाखिल करने वाले कारोबारियों की संख्या काफी कम है।