यातायात माह का आज आखिरी दिन, एक नवंबर से शुरू हुआ था अभियान

न तो जाम की स्थिति बदली और न ही कम हो सके सड़क हादसे

Meerut । यातायात माह का शुक्रवार को यानि आज आखिरी दिन है, लेकिन यातायात माह महज कुछ औपचारिकता में ही सिमट गया। हालत यह है कि इस दौरान न तो जाम की स्थिति में कुछ सुधार नजर आया और न ही सड़क हादसों की संख्या कम हुई। आज भी शहर में ट्रैफिक समस्या की हालत जस की तस है।

जुर्माना वसूला, हकीकत नहीं बदली

गौरतलब है कि ट्रैफिक पुलिस ने यातायात माह के दौरान तकरीबन 20 लाख रुपये का शमन शुल्क वसूला, लेकिन हकीकत यह है कि यातायात सुधार में कोई सार्थक पहल होती नजर नहीं आई है, जिसका असर यह रहा कि यातायात माह में ही 38लोगों की सड़क हादसों में मौत हो गई।

ये थी प्लानिंग

प्लान- स्कूलों और बाजारों में जागरूकता अभिया

हकीकत- कुछ ही जगहों पर चलाया गया जागरूकता अभिया

प्लान - ट्रैफिक पुलिस की ओर से जागरूकता रैलियां

हकीकत- नहीं निकाली गई जागरूकता रैली

प्लान- शहर की सभी स्ट्रीट लाइट्स हों ठी

हकीकत - अभी तक ठीक नहीं कराई गई स्ट्रीट लाइट्स

प्लान- शहर में दुकानों के सामने से हटे अतिक्रमण

हकीकत- अभी तक नहीं हटाया जा सका अि1तक्रमण

प्लान - शहरवासियों को यातायात माह नियमों के बारे में दें जानकारी

हकीकत- कुछ ही जगहों पर ट्रैफिक नियमों की दी गई जानकारी

प्लान-डग्गामार वाहनों पर अंकुश, बिना कागजात के वाहन हों सीज

हकीकत- डग्गामार वाहनों पर नहीं लग सकी लगाम

इन बिंदुओं पर दिया जाए ध्यान

- शहर में दुकानदारों व ठेले वालों का मुख्य सड़क पर कब्जा है, इससे जाम लगता है। बावजूद इसके, निगम कोई कार्रवाई नहीं करता है।

-शहर में कई स्ट्रीट लाइट्स खराब हैं। वहीं, डिवाइडर भी टूटे हैं। एमडीए को इस बारे में लेटर लिखा गया। लेकिन कोई सार्थक कार्रवाई नहीं हुई।

- शहर के मुख्य मार्गो पर गड्ढे हैं। बारिश में जलभराव होता है जो सड़क हादसे का कारण बनता है।

ट्रैफिक पुलिस की मांगे

भूमिया पुल का हो चौड़ीकरण

गोलाकुआं की सड़क हो चौड़ी

शहर में ठीक हों स्ट्रीट लाइट्स

सड़कों पर बनाए जाए डिवाइडर - अवैध कट बंद कराए जाएं।

गड्ढामुक्त बनाई जाएं सड़कें

शहर में यातायात सुधारने के लिए नगर निगम, एमडीए को पत्र लिखकर मांग की गई है कि क्षतिग्रस्त सड़कों और खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराया जाए। सड़कों पर गंदगी फैली रहती है, उसे भी साफ कराया जाए।

संजीव वाजपेई, एसपी ट्रैफिक

ट्रैफिक पुलिस की मांग के मुताबिक एमडीए ने अपने क्षेत्र में डिवाइडर व स्ट्रीट लाइट्स सहीं कराई थी। नगर निगम के क्षेत्र को छोड़ दिया गया था। उनके क्षेत्र में डिवाइडर नहीं बना सकते है।

साहब सिंह, वीसी एमडीए

ट्रैफिक पुलिस से लेटर आया था। उसपर संज्ञान लेकर कार्य कराने के आदेश दिए गए हैं।

मनोज चौहान, नगर आयुक्त

यातायात माह में भी शहर जाम से जूझ रहा है। ट्रैफिक पुलिस जाम खुलवाने की जगह चालान काटने में व्यस्त है।

शादाब खान

शहर में ट्रैफिक व्यवस्था राम भरोसे है। शहर में कोई ऐसी जगह नहीं है, जहां जाम न लगता हो, ट्रैफिक पुलिस चाहे तो जाम से छुटकारा मिल सकता है।

बाबू खान

शहर में वाहनों का लोड बढ़ता जा रहा है। सड़कों का चौड़ीकरण नहीं हुआ है। इसलिए शहर में जाम लग रहा है।

विनोद राणा, एडवोकेट

जाम लगने में ट्रैफिक पुलिस के साथ पब्लिक का भी अहम रोल है। अगर पब्लिक ट्रैफिक के नियमों का पालन करे तो शहर जाम से मुक्त हो सकता है।

मयंक गुप्ता