पिछले दिनों भी खाकी पर लगते रहे हैं वसूली के गंभीर आरोप

आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद भी नहीं दिख रहा सुधार

ALLAHABAD: उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही और दरोगा पर घूस मांगने के आरोप पहले भी लगते रहे हैं। कई मामलों में कार्रवाई हुई है तो कई में जांच चल रही है, लेकिन इसके बाद भी इसमें कमी नहीं हो रही है। अभी हाल ही में दो मामले सामने आने के बाद एक बार फिर खाकी पर दाग को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

केस

विधायक के सामने कर रहे थे वसूली

कौशाम्बी के भाजपा विधायक संजय गुप्ता अपने क्षेत्र से इलाहाबाद स्थित आवास लौट रहे थे। जब वे खुल्दाबाद की सब्जी मंडी के सामने से गुजरने लगे तो पुलिस चौकी के पास ड्यूटी पर लगे दो सिपाही वसूली करते नजर आए। उनकी इस हरकत से वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही थी। तब विधायक अपनी गाड़ी से उतरे और दोनों सिपाहियों को जमकर लताड़ लगाई। अगले दिन उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की। शिकायत के बाद दोनों सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया।

केस दो

थाने पर खुलेआम ले रहा था पैसा

कोरांव थाने पर तैनात सिपाही अवधेश पिछले साल जनसम्पर्क अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर फरियादियों से शिकायत सुन रहा था। इस दौरान वह फरियादियों से पैसे की वसूली भी कर रहा था। उसकी करतूत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस विभाग में खलबली मच गई। एसएसपी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संबंधित सिपाही को लाइन हाजिर कर दिया।

केस तीन

पैसा लेकर नाम निकालने का आरोप

हाल ही में क्राइम ब्रांच में तैनात इंस्पेक्टर केके यादव पर लखनऊ डायोसिस के बिशप मोस्ट रेव्ह जान ऑगस्टिन ने आरोप लगाया है कि जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा में मुख्य अभियुक्त डेनियल सुभान से पन्द्रह लाख रुपए लेकर उसका नाम बाहर कर दिया। एसएसपी ने मामले की जांच एसपी सिटी सिद्धार्थ शंकर मीणा को सौंपी है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच में खलबली मची हुई है।

केस चार

एक साथ 13 हुए थे सस्पेंड

पिछले साल तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर को शिकायत मिली थी कि बमरौली पुलिस चौकी के पुलिसकर्मी क्षेत्र में अवैध वसूली कर रहे हैं। उन्होंने मामले की गोपनीय जांच कराई और जांच रिपोर्ट आने के बाद तेरह पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। इसमें चौकी के साथ ही डायल 100 के पांच पुलिसकर्मी भी लपेटे में आए थे। लाइन हाजिर होने वालों में हेड कांस्टेबल रज्जन सिंह, हेड कांस्टेबल रामरूप सिंह, हेड कांस्टेबल तुफैल खां, धीरज कुमार राय, अवधेश यादव, सिपाही राघवेंद्र सिंह यादव, कमलेश पांडेय, रवींद्र कुमार सेन, सर्वेश कुमार, मेराज खां, राम विलास यादव, रवींद्र सिंह, अतुल कुमार सिंह, इमामुल हक, सुनील कुमार यादव, योगेंद्र नाथ सिंह, ओम प्रकाश सिंह और सुलखान सिंह शामिल थे।

केस पांच

पूरी चौकी हो गई थी सस्पेंड

पिछले साल ही तत्कालीन एसएसपी शलभ माथुर ने अवैध वसूली की शिकायत पर आरक्षी दिनेश, अनिरुद्ध यादव, कमलेश यादव सहित चौकी प्रभारी जेल एसआई वीर बहादुर सिंह को सस्पेंड कर दिया था। इनके खिलाफ शिकायत के बाद एसएसपी ने गोपनीय जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट में सामने आया था कि एसआई और तीनों आरक्षी लेप्रोसी चौराहे पर लगातार ट्रकों को रोक कर अवैध वसूली करते हैं।

भ्रष्टाचार व अवैध वसूली की शिकायत मिलने पर जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है। ऐसे मामलों में हीलाहवाली न करते हुए तत्काल कार्रवाई की जाती है।

आकाश कुलहरि, एसएसपी