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KANPUR : सिविल लाइन्स जैसे पॉश इलाके में रविवार दोपहर कार सवार वकीलों ने पुलिस के सामने दो महिलाओं को पीटते हुए उनके कपड़े फाड़ दिए। वकीलों ने एक महिला को कार में खींचकर अगवा करने की कोशिश भी की, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही। जब इलाकाई लोगों ने वकीलों को खदेड़ा तो वे महिला को छोड़कर भाग गए। पुलिस चौकी के सामने इस दुस्साहसिक वारदात के खुद दरोगा और अन्य पुलिस कर्मी गवाह थे, लेकिन पुलिस ने यह कहकर संवेदनहीनता की सारी हद पार कर दी कि जब दूसरे पक्ष को लेकर आना तब रिपोर्ट दर्ज करेंगे। पीडि़त पक्ष ने एसएसपी से शिकायत की, तब सीओ मौके पर पहुंचे।

हॉस्टल के बाहर हुआ तांडव

सिविल लाइन्स निवासी कारोबारी की पत्नी अपनी देवरानी और देवर के साथ कार से डीएवी हॉस्टल में रहने वाले पारिवारिक मित्र दुर्गेंद्र सिंह चौहान के घर जा रही थी। महिला हॉस्टल के बाहर सिविल लाइन्स पुलिस चौकी है। देवर हॉस्टल के बाहर पत्नी और भाभी को कार से उतारकर पार्किंग कर रहा था। तभी परमट की ओर से आ रहे एक वकील बृजेश वर्मा की कार ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। देवर ने विरोध किया तो गाली-गलौज करने लगा। जिसे सुनकर भाभी कार के पास पहुंची तो वकील ने उनसे भी अभद्रता की। वकील बृजेश वर्मा यह कहते हुए चला गया कि अभी बताता हूं। भाभी ने 100 नंबर पर फोन कर दिया। पीआरवी और थाने से दरोगा विजय बहादुर सिंह दो सिपाहियों के साथ वहां पहुंच गए। इस बीच बृजेश वर्मा दूसरी कार और बाइक से साथियों के साथ वहां पहुंच गया और फिर गाली गलौज करने लगा।

सिर्फ गाली गलौज में रिपोर्ट लिखूंगा

इस बीच कारोबारी के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने दरोगा विजय बहादुर को वकीलों के खिलाफ तहरीर दी तो उन्होंने कहा जब दूसरा पक्ष

आएगा, तभी तहरीर ली जाएगी। इसके बाद पीडि़त पक्ष ने एसएसपी और एडीजी जोन को फोन पर मामले की जानकारी दी। तब सीओ कोतवाली अजय कुमार ने फोर्स के साथ वहां पहुंचकर पड़ताल की। सीओ ने दरोगा और सिपाहियों को जमकर फटकारा। चौकी पर ताला लगा होने पर उनका पारा चढ़ गया।

सीसीटीवी में कैद हुई वकीलों की करतूत

वकील और उनके साथियों की पूरी करतूत पूर्व डीजीसी सिविल पीयूष शुक्ला के ऑफिस के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। महिला हॉस्टल के बाहर हुए तांडव का फुटेज देखने के बाद इसकी पुष्टि हो गई कि मारपीट करने वाला वकील बृजेश वर्मा परमट निवासी है। पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी, लेकिन वह नहीं मिला। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एडीजी ने भी इस मामले में सख्त एक्शन लेने को कहा है।

मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे

वकील दबंगई दिखाते हुए पुलिसकर्मियों के सामने ही युवक को पीटने लगे। भाभी ने बीच बचाव की कोशिश की तो वकीलों ने उनको भी पीटते हुए कपड़े फाड़ दिए। देवरानी पर भी वकीलों ने हमला कर दिया और उसको कार में घसीट लिया। कारोबारी की पत्नी और देवर पुलिस कर्मियों के सामने मदद के लिए गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन पुलिसकर्मी हिले तक नहीं। यह देख हॉस्टल की लड़कियों और इलाकाई लोगों ने वकीलों को खदेड़ा तो वे

देवरानी को छोड़कर भाग गए।

अगर पीडि़त पक्ष बार एसोसिएशन में लिखित शिकायत करेगा तो मामले की जांच कराई जाएगी। वकील के खिलाफ सबूत मिलेंगे तो उनके खिलाफ जरूरी कार्रवाई की जाएगी।

राधाकृष्ण पांडेय, अध्यक्ष बार एसोसिएशन

वकील की गिरफ्तारी के लिए उसके घर व कचहरी के बाहर लोकेशन मिलने पर दबिश दी गई है, लेकिन वह नहीं मिला। जल्द ही उसको और उसके साथियों को पकड़ लिया जाएगा।

अविनाश चंद्र, एडीजी, कानपुर जोन

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