- शासन के निर्देश पर पुलिस अधिकारियों को मिली जिम्मेदारी

- साफ्टवेयर में फीड होगा रिकार्ड, एक क्लिक में मिलेगी जानकारी

PATNA : सजायाफ्ता अपराधियों का रिकार्ड अब खुली किताब की तरह होगा। क्योंकि शासन के निर्देश पर इसे ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। ऐसे अपराधियों की क्राइम हिस्ट्री फीडकर गृह विभाग की वेबसाइट से लिंक कर दिया जाएगा। इसका नाम सिविल कॉनसीक्वेंसेज ऑफ क्राइम दिया गया है। इस संबंध में गृह विभाग से पत्र में पुलिस विभाग के साथ प्रशासनिक अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है।

- जनपद स्तर से तैयार होगी सूची

गृह विभाग के विशेष सचिव जितेंद्र कुमार के पत्र में कहा गया है कि सजायाफ्ता अपराधियों की सूची जिला स्तर पर तैयार कराई जानी है। इसके लिए अधिकारियों को डाटा अपलोडिंग के साथ-साथ प्रचार प्रसार को लेकर भी निर्देश दिया गया है। इसके लिए प्रमंडलीय आयुक्त, आईजी, डीआईजी, जिलाधिकारी, एसएसपी व डीएसपी को जिम्मेदारी दी गई है।

- अपराध नियंत्रण को लेकर अहम

सजायाफ्ता अपराधियों की सूची ऑनलाइन करने के पीछे राज्य सरकार की मंशा अपराध पर नियंत्रण को लेकर है। सरकार क्राइम कंट्रोल करने के साथ-साथ कानून का राज लाने के लिए यह बड़ी कवायद कर रही है। दरअसल सरकारी और निजी संस्थानों में नौकरी के दौरान इसका अहम रोल होगा। ऐसे लोगों को ट्रेस करना अब आसान हो जाएगा जो कभी किसी भी मामले में सजा पाए होंगे, क्योंकि अक्सर लोग ऐसी सूचनाओं को छुपाकर लाभ ले लेते हैं। इस नई पहल के बाद अब इस पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।

- डाटा होगा ऑनलाइन

सूची में ऐसे लोगों का नाम दर्ज किया जाएगा जो किसी भी प्रकार के अपराधिक मुकदमों में दोष सिद्ध होने पर सजा प्राप्त हुए हैं। ऐसे व्यक्ति का नाम जिनकी अपील (सजा के विरुद्ध) सक्षम न्यायालय द्वारा स्वीकृत कर ली गई हो।

- सूची में यह होगा डिटेल

सजायाफ्ता लोगो की सूची में संबंधित के जिला का नाम, कारागार, पीएस नंबर, जीआर नंबर, कैदी का नाम, पिता का नाम, कारागार में प्रवेश की तिथि, कारा से मुक्ति की तिथि, सजा की तिथि के साथ अपराध का भी पूरा डाटा होगा।

- सुविधाओं से होंगे वंचित

इस सेवा के प्रचार प्रसार को लेकर अधिकारियों का तर्क है कि राज्य में कानून का राज स्थापित करने के लिए यह आवश्यक है कि कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार का अपराध करता है तो वह भली भांति समझ ले कि अपराध के बाद न सिर्फ सजा हो सकती है बल्कि अन्य कई प्रकार की सुविधाओं से भी उन्हें वंचित किया जा सकता है। इस व्यवस्था से ऐसे व्यक्ति जिन्होंने वर्तमान में तो कोई अपराध नहीं किया है परन्तु ऐसी मनोवृत्ति रखते हों उनपर अंकुश लगेगा।