बिजली ने बढ़ाया बिजनेसमैन का दर्द
सिटी में हजारों बिजनेसमेन का दर्द बिजली ने कई गुना बढ़ा दिया है। हालत यहां तक पहुंच चुके हैं कि इसी पेन को वह झेलना उनकी मजबूरी हो गई है। पारा 40 डिग्री के पास पहुंचने के साथ ही बेइंतहा बिजली कटौती उनके बिजनेस की वॉट लगा रही है। हाई प्रॉफिट वाले हों या लो सभी परेशान हैं। बेहिसाब बिजली कटौती में या तो हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे हैं या फिर अपनी कमाई घटा कर बिजनेस करने को मजबूर हैं।


बिजली कटौती के खराब हालात की वजह से बिजनेसमेन की हालत बुरी है, उन्हें डेली 5-7 लीटर डीजल खर्च करना पड़ रहा है। नॉर्मल इनवर्टर से उनकी मशीनें चल नहीं सकती हैं और अगर इनवर्टर पॉवरफुल भी हो तो सिटी में रेग्युलर इतनी बिजली ही नहीं मिल पा रही है कि उनका इनवर्टर प्रॉपरली चार्ज हो सके। मजबूरी में लास्ट ऑप्शन के तौर पर वह जेनरेटर का सहारा ले रहे हैं। इससे उनका काम तो चल जा रहा है लेकिन इससे पावर बैकअप लेना उनके लिए काफी कास्टली साबित हो रहा है। बिजनेस में मार्जिन कम है और डीजल महंगा है नतीजा उनके प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा 10 घंटे तक की कटौती हजम कर ले रही है।

आइसक्रीम से आइस फुर्र
बिजली कटौती की वजह से आइसक्रीम में मिलने वाली आइस फुर्र हो गई है। सिटी में ऐसी सैकड़ों शॉप हैं जहां पर आइसक्रीम सेल होती है। सिटी की बात करें तो गर्मियों में गोरखपुराइट्स लाखों की आइसक्रीम डेली हजम कर डालते हैं। अगर प्रॉफिट की बात की जाए तो लोकल आइसक्रीम में तो उन्हें कुछ प्रॉफिट मिल जाता है लेकिन ब्रांडेड आइसक्रीम की सेल से होने वाला फायदा उनको बिजली को कमीशन के तौर पर देना पड़ता है यानि कि उन्हें अपने जनरेटर या डीजल के हवाले करना पड़ता है, क्योंकि बिना बिजली आइसक्रीम रखी नहीं जा सकती है और अगर उन्हें डीप फ्रिजर में रखना है तो उन्हें जेनरेटर के भरोसे ही रहना पड़ेगा। यही वजह है कि डीजल उनकी कमाई का 40 से 60 परसेंट फायदा डकार जाता है।

कोल्ड ड्रिंक का भी यही हाल
गर्मिंयों में आइसक्रीम से ज्यादा अगर कोई चीज की सेल होती है तो वह है कोल्ड ड्रिंक की। सिटी की बात की जाए तो गोरखपुराइट्स डेली हजारों बोलत कोल्ड ड्रिंक गटक जाते हैं। कोल्ड ड्रिंक की बात करें तो इसमें भी सिर्फ नाम का ही फायदा होता है। जिसकी वजह से जेनरेटर पर इनको ठंडा करना पड़ता है जो कि काफी महंगा पड़ता है। अगर इससे दुकानदार को होने वाले नुकसान की बात की जाए तो यह 50 परसेंट से भी ज्यादा है।

कस्टमर्स भी नहीं रुकते
इस भारी गर्मी में हलक तर करने और खुद को गर्मी से निजात दिलाने के लिए आने वाले कस्टमर्स कई बार वापस लौट जाते हैं। वह इसलिए कि उन्हें बिजली न होने की वजह से न तो ठंडी कोल्ड ड्रिंक मिलती है और न ही जमी हुई आइसक्रीम। नतीजा वह बिना हलक तर किए ही वापस लौट जाते हैं।


हाई लाइट्स
- सिटी में डेली आठ से दस घंटे हो रही है बिजली कटौती।
- रोस्टरिंग व लोकल फॉल्ट के नाम पर होती है एक्स्ट्रा कटौती।
- बढ़ रही फाल्ट और ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाएं।
- दिन में जब गर्मी सबसे ज्यादा होती है तब हाइट पर होती है कटौती।
- कस्टमर्स एमआरपी से एक रुपया भी अधिक देने को नहीं होते राजी।
- बिजली कटौती बढ़ने की वजह से दुकानदारों को करना पड़ रहा जेनरेटर का यूज।
- जो जूस बनाकर रखते हैं फ्रिज में लेकिन उसे भी ठंडा रखने के लिए होती है पावर बैकअप की जरूरत।
- दस से पंद्रह रुपये प्रति ग्लास बेचे जाने वाले मैंगो जूस की बढ़ जाती है लागत।
- रेट में कॉम्प्रोमाइज न करने के कारण जेनरेटर की वजह से घट जाता है प्रॉफिट।

 

Report by- syedsaim.rauf@inext.co.in