इलाहाबाद हाई कोर्ट में कासगंज के दलित दूल्हे ने दाखिल की याचिका, खारिज

कोर्ट ने दिया आदेश, कोई जोर जबर्दस्ती करे तो याची दर्ज कराए प्राथमिकी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कासगंज में दलित युवक की बारात निकालने में पुलिस सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा है कि यदि याची के साथ कोई जोर जबर्दस्ती की जाती तो उसकी प्राथमिकी दर्ज कराए। प्राथमिकी दर्ज न होने की स्थिति में वह अधीनस्थ न्यायालय में अर्जी दे सकता है।

यह आदेश जस्टिस रणविजय सिंह तथा जस्टिस शशिकांत की खंडपीठ ने दलित समुदाय के दूल्हे संजय कुमार की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची ने हाईकोर्ट में दी गई याचिका में कहा था कि सवर्ण उसे बारात नहीं निकालने दे रहे हैं। जिला प्रशासन की जानकारी पर कोर्ट ने सीधे हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया। सरकार की तरफ से अधिवक्ता का तर्क था कि बारात निकालने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल देना संभव नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि यदि दूल्हे या लड़की पक्ष के साथ कोई जोर जबर्दस्ती करता है तो वह पुलिस की मदद ले सकता है।