क्षेत्र: शहर विधानसभा क्षेत्र

स्थान: भलोटिया मार्केट

समय: 1 बजे दोपहर

GORAKHPUR: गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र के वोटर विकास को लेकर संतुष्ट नहीं नजर आते और इसलिए उनमें विकास के लिए तड़प दिखती है। वोटर्स के इस मूड को नेता भी भांप रहे हैं और इसलिए इस समय वे विकास के मुद्दे पर ही वोट की डिमांड कर रहे हैं। लेकिन, वोटर्स काफी अवेयर हैं और उनके दावों और शहर में विकास की हकीकत का अपने हिसाब से लेखा-जोखा करने में जुटे हुए हैं। आपस में मु़द्दों को लेकर डिस्कशन कर रहे हैं। ्रशनिवार को पूर्वाचल में दवा की सबसे बड़ी मंडी के रूप में मशहूर भलोटिया मार्केट की चाय दुकान पर जब दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंचा तो बातें विकास को लेकर ही हो रही थीं। निचोड़ यही रहा कि पब्लिक उसे ही अपना नेता चुनेगी जो शहर को विकास की ऊंचाई पर पहुंचाए।

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दिलीप सिंह: अरे भाई, हर बार उम्मीदवार वोट के लिए आते हैं, व्यापारियों के हित की बात करते हैं लेकिन उनकी जो समस्याएं हैं वह दूर नहीं करते हैं। शहर जिस तरह से पहले था, आज भी वही स्थिति है। कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसा नेता चाहिए जो सबके लिए सोचे।

संजीव कुमार बंका: सही कह रहे हैं भाई। एक बार जीत जाने के बाद जब दोबारा आते हैं तब फिर वही वादे दुहराते हैं। दवा व्यापारियों के हित में कोई भी आवाज नहीं उठाता है। हमें ऐसा उम्मीदवार चाहिए जो हमारे और जनता की भलाई के बारे में सोचे और विकास पर जोर दे।

(संजीव की बात को बीच में काटते हुए)

संजय उपाध्याय: शहर का विकास कैसे नहीं हुआ है। पिछले दस साल में शहर बदल गया है। सड़कों का चौड़ीकरण हो गया है।

(संजय की बात का जवाब देते हुए)

शम्भू प्रसाद: तो आप इसे विकास कहते हैं? विकास देखना है तो किसी मोहल्ले या अपने मार्केट की हालत देख लें। आने-जाने के लिए सड़क तक ठीक नहीं है। हर रोज दुकान तक पहुंचने के लिए जाम का सामना करना होता है। जल जमाव की हालत ऐसी है कि बारिश छोडि़ए, आम दिन में भी रोड पर पानी बहता रहता है।

फिरोज खान: समय आ गया है कि विकास और कानून व्यवस्था पर सवाल किए जाएं, यदि इस समय चूक गए तो फिर पांच साल रोना ही होगा। कानून व्यवस्था तो सबसे जरूरी मुद्दा है।

सदानंद गुप्ता: भाई आप सही कह रहे हैं। आज भी व्यापारी सुरक्षित नहीं हैं। व्यापारी के साथ लूट के साथ तमाम घटनाएं हो जाती हैं फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है, ना तो बदमाश पकड़े जाते हैं। हमारे यहां कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो हम लोगों के हित के बारे में सोचे और कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त रखे।

अमित गुप्ता: (बात का समर्थन करते हुए) यदि शहर सुरक्षित रहेगा तो सभी सुरक्षित होंगे। इसलिए केवल व्यापारी की बात छोड़कर पूरे शहर के विकास और सुरक्षा के लिए सोचने की जरूरत है। इसी मुद्दे पर अपने दिल की बात को वोट के माध्यम से बाहर निकालने की जरूरत है।

आनंद कश्यप: भाई, एक बार परिवर्तन की जरूरत है। शहर का यह परिवर्तन कोई और नहीं हम जैसे युवा ही लेकर आएंगे। युवाओं के हाथ में बागडोर दिया जाए तो उनकी सोच नए जैसी होगी और विकास की रफ्तार तेज होगी।

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टी प्वाइंट

मेरी चाय की दुकान पर आए दिन चुनावी चर्चा होती है। कौन उम्मीदवार फाइट कर रहा है और कौन मैदान से बाहर है, घंटों बात होती रहती है लेकिन हम लोगों को अपने कार्य से ही फुर्सत नहीं मिलता। किसी की भी सरकार आए और जाए हमें अपने काम से ही समय नहीं मिलता। मैं तो केवल उनकी बात सुनता रहता हूं। मामला यदि गड़बड़ाता है तभी दखल देता हूं। सुबह दुकान खुलती है, इसके बाद से ही व्यापारियों और आम जनता की भीड़ जुट जाती है। मैं तो विकास करने वाले को ही वोट करूंगा।

- प्रेम चंद्र, दुकानदार