- रेलवे टीआईए सुनील कुमार के सुसाइड मामले में दिल्ली से लौटी जांच टीम

- पूछताछ के साथ ट्रैपिंग के दौरान सुनील से बरामद नोट व अन्य दस्तावेज लिए कब्जे में

DEHRADUN : रेलवे के टीआईए सुनील कुमार ने रेलवे विजिलेंस द्वारा गलत तरीके से फंसाए जाने के कारण सुसाइड किया या फिर वजह कुछ और थी। यह सब जल्द ही साफ हो जाएगा। क्योंकि जांच टीम उन नोटों को लेकर दिल्ली से आ गई है, जिन्हें रंगेहाथ घूस लेते हुए सुनील से बरामद किया गया था। इन नोटों पर लिए गए फिंगर प्रिंट का मिलान सुनील के असल फिंगर प्रिंट से किया जाएगा, जिसके बाद यह बात साफ हो जाएगा कि सुनील को गलत तरीके से फंसाया गया या नहीं।

रेलवे विजिलेंस ने किया था ट्रैप

दरअसल, क्8 अक्टूबर को रेलवे के सीनियर टीआईए सुनील कुमार को रेलवे विजिलेंस ने रंगेहाथ घूस लेते हुए गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्हें सर्विस से हटा दिया गया था। इसी गम में सुनील ने ख् दिसंबर को बाईपास स्थित रेलवे फाटक के समीप चलती ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। मौके से सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था, जिसमें सुनील ने खुद को फंसाए जाने का आरोप लगाते हुए सुसाइड किए जाने की बात कही थी। बताया था कि विजिलेंस ने जो नोट उससे बरामद किए हैं उन पर उसके उंगलियों के निशान नहीं हैं। उसने उंगलियों के निशान लेने की बात भी सुसाइड नोट मेलिखी थी।

नोट और प्रार्थना पत्र लिया कब्जे में

परिजनों के विरोध के बाद पुलिस ने मृतक सुनील के फिंगर

प्रिंट लेने के साथ ही रेलवे विजिलेंस इंस्पेक्टर हेमंत वासुदेव, रेल पार्सल के दलाल जोगेन्द्र सहगल, शताब्दी कोच के लीज होल्डर सतेन्द्र सिंह व ट्रैपिंग के दौरान के गवाह राजू तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। कुछ दिन पूर्व जांच टीम दिल्ली रवाना हुई। शुक्रवार को दिल्ली से टीम दून लौट आई। पुलिस टीम ने उन दस्तावेजों को दिल्ली विजिलेंस से हासिल किया है, जिनके आधार पर सुनील पर कार्रवाई की गई थी।

फिंगर प्रिंट से किया जाएगा मैच

इसमें ट्रैपिंग के दौरान लिए गए पैसे व सुनील द्वारा विजिलेंस को दिया गया प्रार्थना पत्र शामिल है। ट्रैपिंग के दौरान पकड़े गए नोटों पर लिए गए फिंगर प्रिंट का मिलान पुलिस द्वारा लिए गए सुनील के फिंगर प्रिंट से किया जाएगा। इसके अलावा विजिलेंस को दिए गए प्रार्थना पत्र व सुसाइड नोट की हैंड राइटिंग का भी मिलान पुलिस करेगी।

इंस्पेक्टर हुआ भूमिगत

दिल्ली पहुंची जांच टीम ने रेलवे विजिलेंस इंस्पेक्टर हेमंत वासुदेव के बारे में रेलवे अधिकारियों से बात की तो, कोई भी उनके बारे में कुछ नहीं बता सका। सभी लोग यह कहते हुए कन्नी काट गए कि वे पिछले कुछ दिनों से छुट्टी पर हैं। यहां तक पुलिस उसके आवास तक का पता नहीं चल पाया। ऐसे में माना जा रहा है कि इंस्पेक्टर विजिलेंस हेमंत वासुदेव भूमिगत हो गए हैं। इसके पीछे की वजह यह भी है कि विजिलेंस में होने के कारण हेमंत वासुदेव जानते थे कि पुलिस पूछताछ के बहाने उन्हें गिरफ्तार कर दून ले जा सकती है।

विधि सम्मत बता रहे कार्रवाई

जांच टीम को रेलवे अधिकारियों से की गई पूछताछ के दौरान बताया गया कि सुनील के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की गई। यदि उन्हें कोई शिकायत थी तो वे अपने सीनियर से बात करने के साथ पत्राचार कर सकते थे, लेकिन सुनील ने ऐसा नहीं किया, सुसाइड किए जाने की वजह कुछ और भी हो सकती है, लेकिन परिजन इस बात को पहले ही सिरे से खारिज कर चुके हैं। परिजनों का आरोप है कि रेलवे अधिकारियों व दलालों की मिलीभगत से सुनील को फंसाया गया। जिस कारण उन्होंने सुसाइड किया। अब देखना यह है कि पुलिस जांच में क्या साबित होता है?