कुंभ के महात्म्य पर जारी होगा डाक टिकट, मेला प्रशासन ने प्रधान डाकघर प्रबंधन को दिया प्रपोजल

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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर डेढ़ महीने के बाद दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेला कुंभ का विहंगम दृश्य दिखाई देने लगेगा। मेला को दिव्य और भव्य बनाने के लिए मेला प्रशासन द्वारा लगातार योजनाओं को मूर्त रूप दिया जा रहा है। कुंभ मेला में श्रद्धालुओं को आमंत्रित करने के लिए जहां सोशल मीडिया और ऑफिशियल वेबसाइट पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं कुंभ के महात्म्य को यादगार बनाने के लिए उस पर डाक टिकट भी जारी करने की योजना बनाई गई है। इसका प्रपोजल कुंभ मेलाधिकारी विजय किरण आनंद की ओर से प्रधान डाकघर को भेजा जा चुका है।

एक लाख टिकट छापने की तैयारी

यूनेस्को से कुंभ मेला को सांस्कृतिक विरासत की सूची में शामिल किए जाने के बाद उसकी महत्ता से देश-दुनिया को अवगत कराने के लिए व्यापक स्तर पर डाक टिकट छापने की तैयारी की गई है। प्रधान डाकघर के प्रवर डाक अधीक्षक संजय डी अखाड़े की मानें तो मेलाधिकारी श्री आनंद द्वारा कुंभ के महात्म्य पर एक लाख डाक टिकट छापने का प्रस्ताव आया है। इसके लिए डाकघर प्रशासन ने मेलाधिकारी से एक सप्ताह में टिकट की डिजाइन मांगी है।

मेला से पहले टिकट होगा रिलीज

मेला का शुभारंभ पंद्रह जनवरी को पहले शाही स्नान पर्व मकर संक्रांति से होगा। मेला प्रशासन की योजना उससे पहले डाक टिकट को रिलीज करने की है। डाकघर प्रशासन को डिजाइन मिलते ही उसे छपवाने के लिए लखनऊ स्थित मुख्यालय भेजा जाएगा। अधीक्षक श्री अखाड़े ने बताया कि दिसम्बर के अंतिम सप्ताह तक कुंभ के महात्म्य पर टिकटों की पूरी श्रृंखला यहां आ जाएगी। इसकी कीमत पांच रुपए रखी जाएगी।

डाकघरों से होगा वितरण

मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को यहां से यादगार तोहफे के तौर पर कुंभ के महात्म्य पर टिकट ले जाने का अवसर डाकघरों से दिया जाएगा। इसके लिए मेला क्षेत्र में दस डाकघर खोले जाएंगे जहां से टिकट का वितरण किया जाएगा। इसके अलावा परेड ग्राउंड में मुख्यालय भी बनाया जाएगा। मुख्यालय और दस डाकघर जनवरी के पहले सप्ताह तक खोलने की योजना बनाई गई है।

कुंभ के महात्म्य पर आधारित डाक टिकट छापा जाएगा। मेलाधिकारी की ओर से एक लाख टिकट छपवाने की योजना बनाई गई है। प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। मेला प्रशासन से टिकट की डिजाइन मांगी गई है।

संजय डी अखाड़े, प्रवर डाक अधीक्षक, प्रधान डाकघर