-सिविल लाइंस में मोल भाव का ऑप्शन कम, चौक और खुल्दाबाद में मानक रेट पर सौदा

ALLAHABAD: दिवाली को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। साथ ही परंपरागत चीजें भी बाजार में जम चुकी हैं। लाई, लावा, चूड़ा, गट्टा जैसी चीजों की दुकानें सजी हुई हैं। फेस्टिव सीजन के इस मौके फायदा उठाने से दुकानदार भी नहीं चूक रहे हैं। पूजा से जुड़ी इन सामग्रियों के दाम अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग हैं।

कहीं ज्यादा तो कहीं कम

सिविल लाइंस के सुभाष चौराहे पर देसी लाई का रेट 80 रुपए किलो और अच्छी किस्म की लाई का रेट 70 रुपए किलो बताया गया। इसके अलावा गट्टा, चीनी के खिलौने, बताशे और सूखे चने का रेट 100 रुपए किलो बताया गया तो वहीं चूड़े का रेट 80 रुपए किलो बताया गया। यहीं से चंद कदमों की दूरी पर सुभाष चौराहे के नजदीक बैंक ऑफ बड़ौदा एटीएम के सामने लगी दुकान पर इन सभी सामानों की कीमत करीब 50 रुपए अधिक बताई गई।

जो खुद बनाते हैं उनकी कीमत कम

चौक और खुल्दाबाद में लाई, लावा, चूड़ा, गट्टा, चीनी के खिलौने, सूखे चने आदि की कीमत उचित दर पर है। सिविल लाइंस जैसे पॉश इलाकों में भले ही आप कोई मोल-भाव न कर सकें। लेकिन इन जगहों पर 100 रुपए मानक रेट से 20 से 30 रुपए तक मोल भाव किया जा सकता है। इस बाबत विक्रेता हरीशचन्द्र ने बताया कि जो दुकानदार लोकल सामान अपने कारखानों में बनाते हैं। उनके लिए इन सामानों को सस्ती कीमत पर बेचना आसान होता है।

दो चार दिन का बिजनेस

हरीशचन्द्र ने बताया कि चूंकि ज्यादातर लोगों के लिए यह दो-चार दिन का बिजनेस होता है। ऐसे में जो लोग बाहर से सामान मंगाते हैं या लोकल में बड़े बाजारों से सामान खरीदकर फुटकर में बेचते हैं। वो 20 से 50 रुपए तक बढ़ाकर सामान बेचते हैं। उन्होंने बताया कि त्यौहार पर लोगों के लिए भी यह एक बार की ही खरीददारी होती है। ऐसे में ग्राहक भी ज्यादा तोल-मोल नहीं करते।

कॉलिंग

मैने दो दिन पहले दुकान लगाई है। इन दिनों यह मुनाफे का बिजनेस है। अच्छी संख्या में ग्राहक आ रहे हैं और कमाई भी खूब हो रही है।

-हरीश्चन्द्र

अगर बड़े बाजार को छोड़ दें तो सिटी में शायद ही आज कोई ऐसी जगह हो, जहां दो चार चौराहों पर ये सामान न बिक रहे हों। आम और खास दोनो तरह के लोगों में इसकी डिमांड है।

-मो। वारिश

पुरुष ज्यादा मोल भाव नहीं करते। महिलाएं तो हर चीज सोच-समझकर खरीदती हैं। ऐसे में हमने ऐसा रेट तय किया है, जिससे किसी को कोई आपत्ति न हो। ग्राहक भी खुशी-खुशी सामान खरीदता है।

-मो। सलमान