- डीजीपी ने ली 21 जिलों के एसपी क्राइम की क्लास

- क्रिमनल इंटेलीजेंस और आईटी एक्ट के केसेस पर काम करने का जोर

- अनवर्कआउट केसेस पर दिलचस्पी से करें काम

LUCKNOW: मंगलवार को डीजीपी जावीद अहमद ने प्रदेश भर के एसपी क्राइम की जमकर क्लास ली। उन्होंने एक एक एसपी क्राइम से उनकी क्राइम ब्रांच में तैनाती के बाद से अब तक की उपलब्धियों के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच का गठन जिलों के ऐसे क्राइम के लिए किया गया था जो थानों की पुलिस के लिए चुनौती हो। हीनियस क्राइम, अनसुलझे केसेस और टफ केस को खोलने की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच की थी, लेकिन क्राइम ब्रांच क्या कर रही है इसका आत्ममंथन आप खुद करें। डीजीपी ने कहा कि इंट्रेस्ट लेकर अनसुलझी वारदातों का खुलासा करें और क्राइम ब्रांच गठित करने का जो मकसद था उसपर अमल करते हुए काम करें।

साइबर क्राइम भी करें इंवेस्टीगेशन

डीजीपी ने कहा कि सिर्फ क्राइम की घटनाओं का ही नहीं बल्कि आईटी एक्ट की घटनाओं पर भी काम करने की जरूरत है। साइबर क्राइम की घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे में सिर्फ जिलों की साइबर क्राइम सेल के भरोसे नहीं रहा जा सकता है। ऐसे लोगों को क्राइम ब्रांच में लाया जाए जिनकी दिलचस्पी घटनाओं का खुलासा करने में हो।

मजबूत करें इंटेलीजेंस

डीजीपी ने कहा कि क्राइम ब्रांच के लोग भी फील्ड में निकलें और अपने क्रिमनल इंटेलीजेंट को और डेवलप करें। उन्होंने कहा कि क्राइम ब्रांच को रिजल्ट दे कर दिखाना होगा। उन्होंने कहा कि हीनियस क्राइम और अन वर्कआउट क्राइम को खोलने के लिए क्रिमनल इंटेलीजेंस और इंटेलीजेंस इनपुट का अहम रोल होता है।

प्रदेश भर के 15 एसपी क्राइम थे मौजूद

प्रदेश में कुल 21 जिलों में क्राइम ब्रांच है। जिसमें से 15 एसपी क्राइम मीटिंग में मौजूद रहे। मंगलवार को सभी क्राइम ब्रांच के एडीशनल एसपी और सीओ को मीटिंग के लिए लखनऊ बुलाया गया था। मीटिंग में डीजीपी के अलावा एडीजी क्राइम अभय प्रसाद, आईजी क्राइम आरके स्वर्णकार और डीजीपी आफिस में एसपी क्राइम राकेश शंकर मौजूद थे। डीजीपी ने प्रदेश भर की महिला थानों की एसओ और एसएचओ की भी मीटिंग बुलायी है।

व्हाट्सएप का करें भरपूर इस्तेमाल

पुलिस को जनता के करीब लाने की डीजीपी जावीद अहमद ने एक और कोशिश की है। उन्होंने कम्युनिटी पुलिसिंग के लिए व्हाट्स एप्प ग्रुप बनाने को कहा है। डीजीपी ने एसपी को जिले स्तर पर संभ्रांत नागरिकों के साथ गोष्ठी आयोजित करने के भी निर्देश दिए हैं। इनमें जिलों के सभी क्षेत्र और वर्ग के नागरिकों को शामिल करने को कहा गया है। गोष्ठी में डीआइजी रेंज को भी शामिल किये जाने के निर्देश हैं। इन गोष्ठियों के साथ ही संभ्रांत नागरिकों के ईमेल, फोन और नाम-पते के साथ रजिस्टर बनाकर पुलिस के प्रति भरोसा कायम करने की पहल की गयी है। नागरिकों से संवाद स्थापित होने के साथ ही आपस में संवाद और सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए डीजीपी ने जिला और थाना स्तर पर वाट्सएप ग्रुप बनाने को कहा है।