आखिरी नंबर पर
चीन का कहना है कि पिछले तीन ओलंपकि यानी की 2004 एथेंस, 2008 पेइचिंग और 2012 लंदन में भारत का प्रदर्शन देखा जाए तो अपनी पॉपुलेशन के हिसाब से उनका परफॉरमेंस काफी खराब है। अपनी पॉपुलेशन के हिसाब से भारत ने जितने मेडल जीते हैं उस लिहाज से तो वह सबसे आखिरी नंबर पर आता है।
कम है खर्च
चीन का कहना है कि भारत सरकार खेलकूद के लिए जरूरत के हिसाब से कम खर्च करती है। वो खेलकूद की बुनियादी सुविधा पर ध्यान नहीं देती है जिसकी वजह से खेलकूद में भारत का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है।
बच्चों को नहीं भेजना चाहते खेलकूद के क्षेत्र में
भारत में स्पोर्ट्स कल्चर की बहुत ज्यादा कमी है। ये एक वजह भी है जिसके कारण भारत को ओलिंपिक में असफलता हाथ लगती है। चीन का कहना है कि भारतीय संस्कृति ने स्थानीय खेलों के विकास में बाधा डाली है। इसका मतलब है कि भारत में ज्यादातर परिवार अपने बच्चों को या तो डॉक्टर और या तो इंजिनियर बनाना चाहते हैं। लेकिन खेलकूद के क्षेत्र में भेजना नहीं चाहते हैं। इसके अलावा गरीबी भी बहुत ज्यादा है जिसकी वजह से तमाम टैलेंट यू हीं बेकार चला जाता है।
नहीं है जानकारी
चीन ने जानकारी का ना होना भी एक रीजन दिया है जिसके चलते भारत का प्रदर्शन खराब है। उनका कहना है कि भारत के तमाम ग्रामीण इलाके ऐसे है जहां पर अभी भी लोगों को ओलंपिक के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है।
क्रिकेट प्रेम
भारत में अगर किसी खेल को पसंद किया जाता है तो वो है क्रिकेट। इसके अलावा और किसी स्पोर्टस को अहमियत तक नहीं दी जाती है।
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