जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए राजा के गढ़ से सपा ने चुना प्रत्याशी

जीत के लिए सपा, बसपा और भाजपा अंदर ही अंदर कर रही कवायद

लायजनिंग में चूकी बसपा तो हाथ से फिसल सकती थी कुर्सी

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PRATAPGARH:

जिले की लाल बत्ती के लिए सियासी लायजनिंग शुरू हो गई है। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने की कवायद में सपा, बसपा और भाजपा तीनों बड़ी पार्टियां जोर आजमा रही हैं। सत्तासीन पार्टी सपा ने राजा भइया के गढ़ कुंडा क्षेत्र से जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए उमाशंकर यादव को नामित कर दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि वह राजा भइया के खास ही होंगे। सभी पार्टियां जिला पंचायत सदस्यों की संख्या अपने पक्ष में ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की जुगत में लगी हैं।

जीत के लिए सियासी कसरत शुरू

पिछले चुनाव में जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बसपा के प्रमोद कुमार मौर्य को जीत मिली थी। हालांकि इस विजय के लिए उन्हें काफी पापड़ बेलना पड़ा था। इस बार के चुनाव में सपा मजबूती से जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर जीत हासिल करने के मूंड में दिख रही है। जिले के राजनीतिज्ञों की मानें तो चूंकि सपा ने कुंडा क्षेत्र से चुनाव के लिए सदस्य को नामित किया है। इस लिए उसे जिताने में सपाईयों के साथ राजा भइया भी पूरी ताकत जरूर लगाएंगे। ऐसा हुआ तो जिले की लालबत्ती के लिए एक बार फिर कसरत कर रही बसपा के लिए जीत का रास्ता आसान नहीं होगा। इसके लिए बसपाइयों को पिछली बार से कहीं ज्यादा मेहनत करना पड़ेगा।

जीत की जुगत में जुटी बसपा

जिले के राजनीतिक पंडितों का मानना है है कि भाजपा भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर काफी सक्रिय है। कहा जा रहा है कि ऐसे में बसपा की मुसीबत और बढ़ सकती है। क्योंकि सपा सत्ता पक्ष की पार्टी है राजा भइया का गढ़ कहलाने वाला इलाका कुंडा में काफी जिला पंचायत सदस्य उनके खेमें के हैं। ऐसे में यदि सपाइयों ने थोड़ी भी मेहनत कर ली तो जीत उनके पाले में जा सकती है। अगर बसपा लायजनिंग की राजनीति में सफल हुई और रामपुर संग्रामगढ़ व पट्टी के जिला पंचायत सदस्यों का खेमा मदद में उतरा तो सपा को भी जीत के लिए लोहे का चना चबाना पड़ सकता है।

लायजनिंग बनेगी जीत का आधार

बहरहाल जीत किसकी होगी यह पूर्ण रूप से अभी नहीं कहा जा सकता। लेकिन इतना तय है कि जिस भी पार्टी की लायजनिंग तनिक भी कमजोर हुई उसे मात मिलना तय है। जिले के राजनीतिक थिंक टैंकों की मानें तो तीनों बड़ी पार्टियां जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के लिए अंदर ही अंदर सियासी गोट बिछा रही हैं। हालांकि भाजपा अभी खुल कर मैदान में नहीं उतरी। इस लिए सपा और बसपा थोड़ी राहत महसूस कर रही है।

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साइलेंट मोड में है कांग्रेस

जिला पंचायत की कुर्सी को लेकर कांग्रेस साइलेंट मोड में है। जिले के कुछ बुजुर्ग राजनीतिज्ञों की दबी जुबान पर गौर करें तो कांग्रेस के जिले जिला पंचायत सदस्य अभी खुल कर मैदान में उतरी पार्टियों की सक्रियता को भांपने में जुटे हैं। इसके बाद ही वह अपने आकाओं से विमर्श के बाद अपना रुख बेनकाब करेंगे। कांग्रेस का रुख किसी के समझ न आने के कारण मौजदा समय में जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को लेकर चल रही तैयारी की सियासत काफी दिलचस्प नजर आ रहा है।

वर्जन

जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए पार्टी ने उमाशंकर यादव को हरी झंडी दी है। पार्टी के लोग उन्हीं को जिताने का काम करेंगे। इस मामले में इससे ज्यादा अभी कुछ नहीं कह सकता।

भइयाराम पटेल, जिलाध्यक्ष सपा