कभी स्कूटर को युवा वर्ग से जोड़कर देखा जाता था लेकिन आज का बाज़ार 60 और 70 के उस दशक से कहीं अलग है जब स्कूटरों में लैंब्रटा और वेस्पा का वर्चस्व था।

आज स्कूटरों के मामले में भी कई तरह की क़िस्में उपलब्ध हैं, जिसमें एक ओर है 50 सीसी मॉडल्स और दूसरी तरफ़ 600 से 700 सीसी के शक्तिशाली इंजनों वाले वाहन।

पंजीकरण

पिछले साल यानी साल 2011 में स्कूटरों के पंजीकरण में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। जनवरी 2012 का आंकड़ा जल्द ही आने वाला है और कहा जा रहा है कि ये रूझान जारी रहेगा।

स्कूटर की बिक्री क्यों बढ़ रही है इसके कारणों पर अनुमान लगाना बहुत आसान है। तेल के दाम बहुत अधिक हैं और सार्वजनिक यातायात के साधनों में टिकटों की क़ीमतें मुद्रा स्फीति की दर से तेज़ी से ऊपर जा रही हैं; ख़ासतौर पर उन हालात में शहरों में पार्किंग मिलनी आसान नहीं।

होंडा कंपनी के ग्लेन मैकमोहन कहते हैं, "कुछ स्कूटर पांच डॉलर की क़ीमत के पेट्रोल पर 100 मील चल सकते हैं। एक तरह से ये हफ़्ते भर के सफ़र का ख़र्च है."

मोटरसाईकिल की एक प्रदर्शनी में आए एक कंपनी के डॉयरेक्टर रॉय ग्रीन कहते हैं को अपने घर और दफ़्तर के बीच की दूरी तय करने के लिए स्कूटर ख़रीदने की सोच रहे हैं।

आसान

रॉय ग्रीन उन लोगों में से नहीं हैं जो रफ़्तार का आनंद लेने के लिए मोटरसाईकिल ख़रीदते हैं। स्कूटर की सवारी आसान है। मोटरसाईकिल के लिए जो लाइसेंस दी जाती है उसे हासिल करनी मुश्किल है लेकिन कम रफ़्तार के स्कूटर चलाने के लिए सिर्फ़ एक दिन के ट्रेनिंग की ज़रूरत है।

दो हज़ारे के दशक में मोटरसाईकिल पूरे ट्रैफ़िक का महज़ एक प्रतिशत था लेकिन कुल दुर्घटनाओं में मोटरसाईकिल सवारों की तादाद 21 फ़ीसद थी।

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