- काकादेव उत्तम करियर में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज 'मिलेनियल्स स्पीक' में यूथ ने बेबाकी से रखे चुनावी मुद्दे

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kanpur : लोक सभा चुनाव की तारीख एनाउंस होने के बाद से चुनावी पार्टियों में घमासान मच गया है. कोई किसी को हराने के लिए महागठबंधन की नीति अपना रहा है, तो कोई किसानों का मुद्दा रख रहा है. लेकिन, इन सबके बीच यूथ को राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा मेन लग रहा है. उनका कहना है कि देश की सुरक्षा पहले है, बाकी मुद्दे तो चलते ही रहेंगे. देश सबसे ऊपर है. यूथ के इन्हीं चुनावी मुद्दों को लेकर मंडे को हम काकादेव में उत्तम करियर इंस्टीट्यूट में पहुंचे. यहां यूथ ने बड़ी ही बेबाकी से अपने मुद्दे हमसे श्ोयर किए.

योजनाओं का हो इम्प्लीमेंटेशन

दोपहर करीब 1 बजे हमने चाय की चुस्की के साथ यूथ से उनके एक्सपीरियंस और मुद्दों को साझा करना शुरू किया. गवर्नमेंट की योजनाओं की कुछ ने तारीफ की तो कुछ ने उसके इम्प्लीमेंटेशन पर सवाल खड़े किए. सौरभ, महिमा ने कहा अगर गवर्नमेंट की हर योजना का लाभ सभी को मिले, इसके लिए जरूरी है कि उस योजना का ठीक से इम्प्लीमेंट होना चाहिए. इसके लिए एक जिम्मेदार कमेटी का गठन हो, जो जनता के बीच पहुंच कर इस बात का सर्वे करे.

पॉपुलेशन पर कंट्रोल होना जरूरी

आकर्ष, रोहित ने कहा कि कंट्री में सुख और समृद्धि के साथ रहना है तो सबसे पहले पॉपुलेशन को कंट्रोल करना होगा. इस काम में सिर्फ गवर्नमेंट ही नहीं हमें भी बराबरी से हिस्सेदारी करनी होगी. प्रवीन व धीरेंद्र ने भी उनकी बात पर अपनी सहमति जताते हुए कहा पॉपुलेशन कंट्रोल होना बेहद जरूरी है. कहा आज शहर में हर चौराहे पर जाम की समस्या का समाना करना पड़ता, जिसका कारण भी बढ़ती पॉपुलेशन है. उन्होंने कहा अगर कोई गवर्नमेंट इस ओर गंभीरता से ध्यान देती तो हर व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का फायदा मिल सकता था.

रिजर्वेशन नहीं योग्यता हो आधार

रोहित व सूरज ने कहा कि देश में आरक्षण खत्म होना चाहिए, जो जितना योग्य हो उसे उतना ही काम मिलना चाहिए. रिजर्वेशन ने आज सामान्य वर्ग को बहुत कमजोर कर दिया है. मतलब अगर आपको रिजर्वेशन मिला है तो आप कम पढ़ाई में भी वो सीट पा सकते हैं, जो एक सामान्य दोगुने नंबर लाने के बाद भी नहीं पा सकता. खासकर शिक्षा के क्षेत्र में तो आरक्षण को जड़ से खत्म कर देना चाहिए. हमारी कंट्री में आए दिन रिजर्वेशन को लेकर बहस होती रहती है. जो वर्ग दबा कुचला हो उसे एक बार रिजर्वेशन देकर मजबूत बनाना गवर्नमेंट का काम है. लेकिन, जब वो समृद्ध हो जाएं तो उनका कोटा खत्म कर देना चाहिए. रिजर्वेशन को जड़ से खत्म करने की बात करने वाले को ही हमारा वाेट होगा.

देश भी सुरक्षित हाथों में हो

युवाओं ने जब देश की सुरक्षा पर बोलना शुरू किया तो उनमें जोश बढ़ा दिखाई दिया. उनका कहना था कि हमारा देश इतना मजबूत हो कि दुश्मन देश निगाह डालने में भी डरे. आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए गोली का जवाब गोली से ही देना चाहिए. ऐसे नेताओं का सामाजिक बहिष्कार हो जो देश की सुरक्षा के मामले में गलत बयानबाजी करते हैं. ऐसे नेताओं के बयानों का फायदा दुश्मन देश को होता है. ऐसे नेताओं को वोट किया जाए जो देश की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखता हो.

पुलिस की वर्किंग कठघरे में

पुनीत व सुमित ने कहा कि हमारी कंट्री के कई प्रदेश की पुलिस अपने आपको कानून से ऊपर समझती है. यही कारण है कि कभी किसी गरीब को सताया जाता है, तो कभी पुलिस के कुछ मातहत वर्दी का गलत यूज करते दिख जाते हैं. उनकी कार्यशैली पर अंकुश लगाने वाले की गवर्नमेंट चाहिए. पुलिस किसी पर भी दबाव बना कर गलत को सही और सही को गलत साबित कर देती है.

महंगाई पर कंट्रोल है जरूरी

हमारी कंट्री में हर वर्ग के लोग रहते हैं. उनकी भी जरूरतों का ध्यान रखना गवर्नमेंट का काम है. आम चीजों से लेकर खास चीजों के भी दाम सामान्य होने चाहिए. महंगाई पर कंट्रोल होना चाहिए. किसी भी तरह के फ्यूल से लेकर डेली यूज की चीजों के दाम डेली बढ़ रहे हैं. महंगाई कंट्रोल होगी तो आम आदमी को चीजों का लाभ मिल सकेगा. गरीबों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं का लाभ उन तक जरूर पहुंचना चाहिए.

मिलेिनयल्स वर्जन-

- करप्शन का मुद्दा हर सरकार में उठा है. इसे खत्म करने के लिए प्रजेंट गवर्नमेंट ने कुछ काम किए है. लेकिन, बात जब जड़ से करप्शन को खत्म करने की बात होती है, तो इसे एक मिशन की तरह लेना चाहिए.

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- यूथ को भाषण नहीं चाहिए. इम्प्लॉयमेंट चाहिए, जिससे वो अपने परिवार का पेट भर सकें. यह बात सच है कि कुटीर उद्योग बढ़े हैं. लेकिन, सिर्फ यही करना होगा तो फिर युवा शिक्षा क्यों ग्रहण करेगा.

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- एजूकेशन के क्षेत्र में काम होना चाहिए. स्कूल अगर सरकारी हो तो भी वहां कानवेंट स्कूलों की तर्ज पर शिक्षा मिलनी चाहिए. गवर्नमेंट करोड़ों रुपए इन स्कूलों और टीचर्स पर खर्च करती है.

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- गवर्नमेंट किसी की भी हो, लेकिन उसे जनता के हित में फैसले लेने चाहिए. गवर्नमेंट को यह ध्यान रखना चाहिए कि उनके किसी फैसले का बुरा प्रभाव जनता पर न पड़े, क्योंकि वह मुसीबत ला सकता है.

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- वैकेंसी जितनी होती हैं, उससे कहीं ज्यादा काम करने वाले होते हैं. जो काबिल होते हैं, उनको जॉब मिल जाती है और जो नौकरी पाने से रह जाते हैं, वही लोग अनइम्प्लॉयमेंट का बात करते हैं.

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- पालीटिशियन्स युवाओं को अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करते हैं. राजनीति में भी ऐज डिसाइड होनी चाहिए. ज्यादा ऐज वालों को राजनीति से सन्यास लेना चाहिए, जिससे युवाओं को आगे बढ़ने का मौका मिले. -

- चुनाव नजदीक आते ही नेता लुभावने वादे करने हमारे घर आ जाते हैं. लेकिन, यह हमें ही समझने की जरूरत है कि वोट किसको देना है. हमें ऐसे व्यक्ति को वोट देना चाहिए, जो हमारे मुद्दे की बात करे.

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- शिक्षा के लिए लोग बाहर जा रहे हैं. जो व्यवस्थाएं स्टूडेंट्स को बाहर मिल रही हैं, वो कानपुर में क्यों नहीं मिल सकती है. शिक्षा के स्तर को सुधारने की बात करने वाले को यूथ का वोट जाएगा.

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कड़क मुद्दा

युवा ऐसी पार्टी को चुनेंगे, जो इम्प्लॉयमेंट की बात करेगी. कहा प्रेजेंट गवर्नमेंट ने यूथ से रोजगार देने का वादा किया था. कुछ योजनाओं का लाभ भी यूथ को मिला है, लेकिन अभी यह अपर्याप्त है. गवर्नमेंट नौकरियां निकलती हैं, अभ्यर्थी पैसे खर्च कर फार्म भरते हैं और अचानक एग्जाम ही रद कर दिया जाता है. यह तभी रुकेगा, जब गवर्नमेंट अनइम्प्लॉयमेंट के मुद्दे को गंभीरता से लेगी और भ्रष्टचार में लिप्त कर्मचारी, अधिकारियों पर सख्त एक्श्ान लेगी.

मेरी बात-

पॉलटिक्स में भी रिटायरमेंट की उम्र तय होनी चाहिए. इससे यूथ को पॉलटिक्स का मौका मिल सके. यूथ के फायदों की बात करने वाली पार्टी को ही उनका वोट जाएगा. चुनाव के वक्त झूठे वादे करने वालों को सबक सिखाने का समय है. कंट्री में आधे से ज्यादा वोटर्स यूथ है, जो अहम फैसला अपने वोट से करेगा.

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वर्जन

हमारे चुनावी मुद्दे बेहद साफ हैं. हमें साफ सुथरी छवि वाली गवर्नमेंट चाहिए. ऐसी गवर्नमेंट जो यूथ को उनका हक दिला सके और भ्रष्टाचार को दूर कर सके. हमारे मुद्दों की बात करने वालों को ही हमारा वोट जाएगा.

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सतमोला-

क्षेत्र में बहुत से ऐसे नेता हैं, जिन्होंने जीतने के बाद जनता को किसी काम का न मान कर अपनी मनमर्जी की और सिर्फ जेब भरने का काम किया है. अब वो समय आ गया है, जब जनता अपने वोट की ताकत का एहसास उन्हें कराएगी. जिसने अपने कार्यकाल में जैसे काम किए हैं, उसको उसी के अनुसार वोट भी दिए जाएंगे. इस बार यूथ पढ़ा लिखा और समझदार है, जिसे धोखा देना नेताओं के लिए कुछ मुश्किल होगा.