-ऑनलाइन व्यवस्था होने से नहीं चल सकेगी मनमानी

-सिपाहियों के मूवमेंट की सीनियर अफसर करेंगे निगरानी

GORAKHPUR: थाना क्षेत्रों में बीट पर जाने वाले पुलिस कर्मचारियों को हाईटेक बनाने में जुटे अफसरों ने ऑनलाइन मानीटरिंग शुरू कर दी है। बीट पर निकले सिपाहियों की जांच में रजिस्टर पर दर्ज होने वाले मामलों को मोबाइल के जरिए अफसरों तक पहुंचाया जाएगा। जनपद के सभी पुलिस कर्मचारियों को यूपी पुलिस के एसओपी- स्टैडर्ड आपरेटिंग प्रोसिडर पर काम करने के लिए ट्रेंड करने के निर्देश से हड़कंप मचा है। एंड्रायड मोबाइल फोन में जैसे-तैसे व्हाट्सअप यूज करने वाले सिपाही परेशान होकर बचाव का जुगाड़ खोज रहे हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इससे बीट पुलिसिंग को बेहतर बनाने में ज्यादा मदद मिलेगी।

बीट की क्राइम मैपिंग, प्रभावित की जानकारी

बीट पुलिसिंग एप का सबसे बड़ा फायदा यह मिलेगा कि बीट की क्राइम मैपिंग होगी। बीट पर निकलने वाले कांस्टेबल अपने मोबाइल के जरिए पूरी जानकारी ले सकेंगे। उनको आसानी से पता चल जाएगा कि किस जगह पर किस तरह का अपराध सबसे ज्यादा होता है। संवेदनशील जगहों की जानकारी होने से पुलिस कर्मचारियों को भटकना नहीं पड़ेगा। नए सिपाही भी इलाके के अपराध के ट्रेंड से वाकिफ हो सकेंगे। सीसीटीएनएस की व्यवस्था से हर सबजेक्ट से जुड़ा डाटा कलेक्ट किया जा रहा है। इसलिए बीट पुलिसिंग के हाईटेक होने से हर पुलिस कर्मचारी चंद मिनटों में अपने पूरे थाना क्षेत्र को जान सकेगा।

क्या जारी किए गए हैं निर्देश

सभी पुलिस कर्मचारी, अधिकारी बीट पुलिसिंग एप के लिंक को अपने मोबाइल फोन में डाउनलोड करेंगे।

गूगल प्ले स्टोर से एप को डाउनलोड करके बीट से संबंधित कामों की प्रैक्टि्स शुरू कर दी जाएगी।

सात दिनों के बाद इस व्यवस्था की लाचिंग होगी। इस दौरान सभी पुलिस कर्मचारी प्रैक्टिस में आ जाएंगे।

पुलिस के सीनियर आफिसर्स सभी रिपोर्ट और मैसेज को देख सकेंगे। सभी अफसर सीयूजी नंबर रजिस्टर्ड करेंगे।

बीट पुलिसिंग में रोजाना हाेते ये काम

-थानों, चौकियों में बीट बांटकर गश्त की जिम्मेदारी दी जाती है।

-बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप इत्यादि की चेकिंग करके रोजाना सूचना अपडेट की जाती है।

-अपराध की संभावना वाले जगहों, बाजारों क्षेत्रों में गश्त करके सुरक्षा का भरोसा दिलाना

-किसी तरह के क्राइम पर घटनास्थल पर जाकर सीनियर्स को उसकी पूरी जानकारी मुहैया कराना

-हीनियस क्राइम पर नजर रखने, क्षेत्र के बदमाशों, हिस्ट्रीशीटर सहित अन्य की नियमित ि1नगहबानी

क्या होगा बीट पुलिसिंग का फायदा

-बीट पुलिस कर्मचारी की तरफ से भेजी गई सूचना तत्काल एसओ, सीओ, एसपी को मिलेगी।

-हीनियस मामलों को एसएसपी, आईजी, एडीजी और पुलिस हेडक्वार्टर के अधिकारी भी जान सकेंगे।

-घटना स्थल से संबंधित फोटो, वीडियो और आडियो मैसेज को एक साथ कई लोगों को फारवर्ड किया जा सकेगा।

-घटना स्थल का गूगल मैप के जरिए लोकेशन शेयर होने पर कोई भी अधिकारी घटनास्थल को आसानी से देख लेगा।

-गूगल मैप पर अपराधियों के भागने के रास्ते, सांप्रदायिक मामलों में प्रभावित मोहल्लों में पुलिस बल भेजने में मदद मिलेगी।

-गूगल मैप पर सारी जानकारी उपलब्ध होने से नाकाबंदी करने में पुलिस को परेशान नहीं होना पड़ेगा।

वर्जन

अपराधों के रोकथाम और अनावरण की मूल व्यवस्था में बीट पुलिसिंग है। मोबाइल फोन, एप्स और सोशल मीडिया के प्रचार के कारण बीट पुलिसिंग को अधिक सरल, महत्वपूर्ण और प्रभावी बनाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। क्राइम कंट्रोल करने से लेकर कानून-व्यवस्था को दुरुस्त करने में इसका बड़ा फायदा मिलेगा।

जय नारायण सिंह, आईजी, गोरखपुर