शहीद स्मारक में सांसद ने किया लाइट एंड साउंड शो का लोकार्पण

35 मिनट की डॉक्यूमेंट्री में 1857 की क्रांति पर दिखाई गई फिल्म

Meerut। 1857 की क्रांति का दर्शन- द लाइट एंड साउंड शो का शनिवार शाम शहीद स्मारक में औपचारिक लोकार्पण सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने किया। सांसद ने अपने संबोधन में 1857 की क्रांति को याद करते हुए इसे 1947 की देश की आजादी का बीज बताया। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मेरठ की भूमिका को स्पष्ट करते हुए सांसद ने क्रांति वीरों को नमन किया। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अंजू चौधरी ने बताया कि तकनीकि कारणों के चलते कुछ दिन बाद इसका संचालन विधिवत कर दिया जाएगा।

1857 की क्रांति को उकेरा

35 मिनट में डॉक्यूमेंट्री में मेरठ के इतिहास को उकेरने का प्रयास किया गया। लोकल आर्टिस्ट के अलावा डॉक्यूमेंट्री में लोकल लोकेशन को दर्शाया गया है। लाइट एवं साउंड इफेक्ट के साथ डॉक्यूमेंट्री की शुरूआत 1820 के आसपास अंग्रेजी साम्राज्य के जुल्मों-सितम से होती हुई दिल्ली के बादशाह बहादुरशाह जफर, पेशवा नाना साहेब, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, लखनऊ की बेगम हजरत महल के बाद 1857 में गाय और सुअर की चर्बी के कारतूस तक पहुंची। यहां बैरकपुर से शहीद मंगल पांडे के विद्रोह और उनकी फांसी पर फिल्मांकन के बाद शो में मेरठ की शानदार एंट्री होती है। यहां काली पल्टन को देशी सैनिकों का ठिकाना बताया गया तो वहीं सदर बाजार को सैनिकों का रिहायशी एरिया।

दिल्ली कूच को दर्शाया

डॉक्यूमेंट्री में मेरठ के 85 सैनिकों के विरोध से शुरू हुए आंदोलन को धन सिंह कोतवाल के नेतृत्व में दिल्ली कूच के साथ बेहतरी से पेश किया गया। डॉक्यूमेंट्री में मेरठ के करीब 200 लोकल आर्टिस्ट्स जबकि दो फीमेल आर्टिस्ट जो मुंबई से थीं, ने अभिनय किया है। डॉक्यूमेंट्री के डायरेक्टर आर्यन आदित्य ने बताया कि शहीद स्मारक, गांधी पार्क, गांधी आश्रम के अलावा मेरठ के कुछ गांवों में डॉक्यूमेंट्री का फिल्मांकन किया गया है।

मेरठ के इतिहास के बारे में जानकारी मिली। यह एक रोमांचकारी अनुभव है। डॉक्यूमेंट्री कमाल की है।

कादमरी कौशिक

मेरठ के लिए यह गर्व की बात है कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में मेरठ की महत्वपूर्ण और अग्रणी भूमिका रही। यह प्रयास सराहनीय है।

आलोक गोयल

डॉक्यूमेंट्री में मेरठ की लोकेशन पर फिल्मांकन है तो वहीं मेरठ के कलाकारों ने ही इसमें किरदार निभाया है। यह बेहद खुश करने वाला है।

आशीष शर्मा

लाइट एंड साउंड शो में मेरठ का इतिहास आकर्षण का केंद्र है। यहां के स्वतंत्रता सेनानियों के लिए यह आयोजन श्रद्धांजलि है।

प्रियांशु

आने वाली पीढि़यां इस शो को देखकर मेरठ और उसके इतिहास के साथ जुड़ सकेंगी। यह बेहद उपयोगी शो है।

राजेश्वरी मांगलिक

लाइट एंड साउंड शो पर्यटन विभाग की एक विशिष्ट पहल है। यह मेरठ वालो के लिए एक तोहफा है। हम अपने पूर्वजों के गौरव को देख पा रहे हैं।

रूपक अग्रवाल