1 हजार प्रदूषण जांच केंद्र प्रदेश में

148 प्रदूषण जांच केंद्र राजधानी में

30 रुपए टू व्हीलर की जांच फीस

40 रुपए फोर व्हीलर की जांच फीस

- 3 माह में प्रदेश भर के सभी जांच केंद्र हो जाएंगे ऑनलाइन

- फीस भी ऑनलाइन होगी जमा, मोबाइल पर एसएमएस भी आएगा

- ऑनलाइन पोर्टल में एकत्र रहेगा सभी गाडि़यों का डाटा

- नेशनल इनफॉरमेटिक्स सेंटर से बनवाया गया सॉफ्टवेयर

आईस्पेशल

- एक क्लिक पर मिलेगी प्रदूषण फैलाने वाली गाडि़यों की जानकारी

- राजधानी में शुरू हुआ पहला ऑनलाइन प्रदूषण जांच केंद्र

LUCKNOW: शहर की हवा में जहर घोलने वाले अब नहीं बचेंगे। परिवहन विभाग ऐसे लोगों की जानकारी सिर्फ एक क्लिक पर जुटा लेगा। राजधानी में बीते गुरुवार को हाथी पार्क के पास ऑनलाइन प्रदूषण जांच केंद्र की शुरुआत भी हो चुकी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार अगले तीन माह में प्रदेश के सभी प्रदूषण जांच केंद्र ऑनलाइन हो जाएंगे।

एनआईसी से बनवाया सॉफ्टवेयर

परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी वाहनों की जांच ऑफलाइन की जाती थी, जिसका प्रदूषण जांच केंद्र पर शुल्क लिया जाता था और प्रमाणपत्र दिया जाता था। ऐसे में प्रदूषण सर्टिफिकेट न बनवाने वाले आसानी से पकड़ में नहीं आते थे। साथ ही कई बार तो लोग बिना जांच कराए ही यहां पैसा देकर सर्टिफिकेट बनवा लेते थे। परिवहन विभाग ने एनआईसी (नेशनल इनफॉरमेटक्सि सेंटर) से एक साफ्टवेयर बनवाया है। इस सॉफ्टवेयर से वाहनों की जांच शुरू की गई है। इसमें जांच के साथ ही वाहनों की जानकारी परिवहन विभाग के पास पहुंच जाती है। जिससे इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी अब संभव नहीं है।

शुरू हुई ऑनलाइन चेकिंग

प्रदेश में करीब एक हजार प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जिसमें राजधानी में 148 जांच केंद्र मौजूद हैं। इन सभी केंद्रों पर नए सॉफ्टवेयर से जांच शुरू होगी, जिससे एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि किस वाहन की अभी तक प्रदूषण जांच नहीं कराई गई है। ऐसे में इस तरह के वाहनों पर एक्शन भी आसानी से लिया जा सकेगा।

जांच के लिए निर्धारित फीस

विभागीय अधिकारियों के अनुसार टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहन जो, पेट्रोल, एलपीजी या सीएनजी से चल रहे हैं, उनके लिए 30 रुपए प्रति वाहन जांच निर्धारित की गई है। फोर व्हीलर वाहन जो पेट्रोल, सीएनजी और एलपीजी से चल रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन चेकिंग के लिए 40 रुपए देने होंगे। डीजल से चलने वाले सभी वाहनों की जांच फीस 50 रुपए प्रति वाहन रखी गई है।

कोट

ऑनलाइन जांच के लिए एक पोर्टल बनाया गया है। इसमें सभी गाडि़यों का ब्यौरा एकत्र रहेगा। इससे चेकिंग में आसानी होगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत राजधानी में इसकी शुरुआत हो चुकी है। प्रयास किया जा रहा है कि अगले तीन महीने में प्रदेश भर में सभी जांच केंद्र ऑनलाइन किए जा सके।

संजय नाथ झा

सीनियर आरटीओ

परिवहन विभाग