LUCKNOW : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट ने पूर्वाचल एक्सप्रेस वे का टेंडर निरस्त करने का फैसला लिया। दरअसल आठ पैकेज में बनने वाले इस एक्सप्रेस वे के लिए जिन कंपनियों ने अपने रेट दिए थे, वे एनएचएआई के मानकों से 10.97 फीसद ज्यादा हैं। राज्य सरकार का मानना है कि इसमें और कमी लाई जा सकती है जिसके लिए अब कम समय में नई टेंडर प्रक्रिया (सिंगल स्टेज टू इनवलप) शुरू की जाएगी। इससे एक्सप्रेस वे का निर्माण शुरू करने में करीब 45 दिन देर होगी। कम रेट के लिए यूपीडा नियमों में कुछ राहत प्रदान करेगा ताकि ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक रेट मिल सकें। ध्यान रहे कि यह एक्सप्रेस वे लखनऊ से गाजीपुर तक बनेगा। इसमे करीब 11,800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।

 

सभी 75 जिलों में बनेंगे एंटी पावर थेफ्ट थाना

कैबिनेट ने सूबे के सभी पांच डिस्कॉम के तहत आने वाले 75 जिलों में एंटी पावर थेफ्ट थाना स्थापित करने का निर्णय लिया है। इससे बिजली चोरी के मामले में मुकदमा दर्ज करने, गुणवत्तापूर्ण विवेचना और प्रभावी पैरवी करने में आसानी होगी। साथ ही लाइल लॉस में भी कमी आएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह व्यवस्था पहले से लागू है। यूपी में बनने वाले प्रत्येक थाने में 28 पद सृजित कर कर्मचारी नियुक्त किए जाएंगे जिनमें एक इंस्पेक्टर, पांच एसआई, 11 हेड कांस्टेबल, नौ कांस्टेबल और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी होंगे। थानों का निर्माण और कर्मचारियों की तनख्वाह आदि का भुगतान उप्र पावर कारपोरेशन करेगा। ध्यान रहे कि वर्तमान में प्रदेश में बिजली विभाग के 35 प्रवर्तन दल कार्यरत हैं जबकि अतिरिक्त 55 दलों को गठित करने की स्वीकृति दी जा चुकी है।

 

मथुरा में शराबबंदी का फैसला

कैबिनेट ने पौराणिक एवं धार्मिक नगरी मथुरा में पूर्ण रूप से शराबबंदी करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बरसाना, गोकुल, गोवर्धन, नंदगांव, राधाकुंड और बलदेव में शराब की दुकानों को विकास प्राधिकरण की सीमा से बाहर शिफ्ट किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि मथुरा में वर्तमान में 32 शराब की दुकानें हैं जिनसे करीब 11.10 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होती है। वहीं नजदीकी वृंदावन में पहले से शराबबंदी लागू है।

 

शराब की बोतल के लेबल पर यूपी नहीं

कैबिनेट ने शराब की बोतलों के लेबल की संख्या को नियंत्रित करने का अहम फैसला लिया है। तय हुआ है कि अब उनमें राज्य, क्षेत्र व देश का नाम छपने के बजाय ओवरसीज या अंतरराज्यीय उपयोग के लिए लिखा जाएगा। साथ ही प्रति लेबल फीस को भी तीन से चार गुना बढ़ा दिया गया है। यह फैसला ईज ऑफ डुइंड बिजनेस के तहत किया गया है क्योंकि साल की शुरुआत में यह आंकलन करना मुश्किल होता है कि किस देश या प्रदेश को कितना आयात किया जाएगा।

 

घाटमपुर तापीय परियोजना अडानी को

कैबिनेट ने घाटमपुर तापीय परियोजना को पीपीपी मॉडल पर चलाने के लिए अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड को देने का निर्णय लिया है। यह फैसला टैरिफ बेस्ड कंपटीटिव बिडिंग के आधार पर किया गया है। खास बात यह है कि इससे केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के निर्धारित बेंचमार्क से 36 फीसद रेट मिले हैं जो एक बड़ी उपलब्धि है। इसका निर्माण वर्ष 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा और इससे आगरा समेत पश्चिमी उप्र में बिजली आपूर्ति की समस्या बेहद कम हो जाएगी। इसके निर्माण मे करीब 2260 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

 

जेवर एयरपोर्ट के लिए होगा ग्लोबल टेंडर

कैबिनेट ने गौतमबुद्धनगर में बनने वाले जेवर इंटरनेशनल ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए ग्लोबल बिडिंग के जरिए विकासकर्ता का चयन करने का निर्णय लिया है। इसके जरिए अक्टूबर माह तक निर्माण करने वाली कंपनी का चयन कर लिया जाएगा। इसके लिए 15 दिन के भीतर कमेटी का गठन होगा। इसके निर्माण में करीब 4000 करोड़ की लागत आएगी जिसे नागरिक उड्डयन विभाग, नोएडा अथॉरिटी, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी व यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी वहन करेंगे। वहीं राज्य सरकार ने भूमि खरीदने के लिए डीएम को पहले ही 330 करोड़ रुपये दे दिए है।

 

फार्मास्युटिकल नीति को मंजूरी

कैबिनेट ने उप्र फार्मास्युटिकल नीति 2018 को लागू करने की मंजूरी प्रदान कर दी है। औद्योगिक विकास नीति के अंतर्गत दी जाने वाली सभी रियायतें इसमें भी लागू होंगी। साथ ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट, बौद्धिक संपदा, आयुष पर भी अलग से रियायतें दी जाएंगी। राज्य सरकार ने इसे तेलंगाना, उड़ीसा और गुजरात की नीतियों का अध्ययन करने के बाद बनाया है। इससे दवाओं के अनुसंधान, विकास, व्यवसायीकरण को बढ़ावा मिलेगा और आम जनता को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

 

सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति को मंजूरी

कैबिनेट ने प्रदेश में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नीति को लागू करने की मंजूरी दी है। केंद्र सरकार और एनजीटी के निर्देशों के अनुपालन में शहरों-कस्बों में स्वस्थ और स्वच्छ पर्यावरण के लिए इसे लागू किया जा रहा है। वहीं सॉलिड वेस्ट के जरिए नये उत्पादों के निर्माण और ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। तय हुआ है कि इसका 90 फीसद उपयोग में लाना आवश्यक होगा जबकि शेष दस फीसद को लैंडफिल भेजा जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में वर्तमान में करीब 15 हजार टन सॉलिड वेस्ट रोजाना निकलता है जिसका निस्तारण एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इसमें स्थानीय निकाय अहम भूमिका निभाएंगे और जोनवार व वार्डवार इसे एकत्र किया जाएगा।

 

दुग्ध नीति को मंजूरी

कैबिनेट ने उप्र दुग्ध नीति-2018 को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसमें खासा जोर मेक इन यूपी उत्पाद बनाने पर दिया गया है। यह नीति पांच साल तक प्रभावी रहेगी और इससे करीब 20 हजार करोड़ का निवेश और दस लाख रोजगार सृजित होने का अनुमान है। राज्य सरकार इसके तहत उद्योगों को कैपिटल इंवेस्टमेंट के अलावा ब्याज, ब्रांड प्रमोशन, पेटेंट, डिजाइन और रजिस्ट्रेशन में भी 50 फीसद से 75 फीसद तक अनुदान देगी। इसके जरिए प्रदेश सरकार ने दुग्ध प्रसंस्करण के कारोबार को 12 से 30 फीसद तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं दूसरी ओर कैबिनेट ने उप्र पशु प्रजनन नीति-2018 को भी मंजूर कर लिया है।

 

अन्य कैबिनेट फैसले

- उप्र पुलिस रेडियो अधीनस्थ सेवा नियमावली में संशोधन किया गया है। इसके बाद महिला और पुरुष कर्मचारियों की भर्ती एक साथ की जा सकेगी।

- फैजाबाद में रामकथा संग्रहालय एवं आर्ट गैलरी का निर्माण उप्र आवास एवं विकास परिषद से कराने का निर्णय कैबिनेट ने लिया है।

- संत कबीरदास हथकरघा पुरस्कार योजना के तहत दस हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक के पुरस्कार बुनकरों को दिए जाएंगे।

- राज्य सरकार ने शीरे के संग्रहण की सीमा को 50 फीसद से बढ़ाकर 60 फीसद कर दिया है। इसके अवैध बिक्री और परिवहन पर जुर्माने की राशि को भी बढ़ाया है।

- सहकारी चीनी मिल संघ की अनूपशहर, घोसी और कायमगंज डिस्टलरी मे करीब 80 करोड़ की लागत से जीरो लेबल डिस्चार्ज सिस्टम की स्थापना कर इसे चालू किया जाएगा।

- संतकबीरनगर के मगहर में संतकबीर अकादमी की स्थापना के लिए उप्र आवास एवं विकास परिषद को कार्यदायी संस्था नामित किया गया है। यह करीब 25 करोड़ की लागत से बनेगा।

- वाराणसी में पिंडरा तहसील के दस गांवों को सदर तहसील में समाहित किया जाएगा। यह फैसला तहसील से इन गांवों की दूरी को ध्यान में रखकर लिया गया है।