-तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सिख सम्मेलन संपन्न, कई देशों के डेलिगेट हुए शामिल

-बोले राज्यपाल, अत्याचार एवं आतंक के खिलाफ हमेशा आवाज बुलंद करता रहा है खालसा पंथ

-गुरु गोविंद सिंह के संदेश भौतिकतावाद से त्रस्त मानव जाति के लिए बहुत प्रासंगिक

PATNA : राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि प्रकाश पर्व राज्य सरकार के लिए चुनौती के साथ-साथ एक बड़ा अवसर भी है। तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन के समापन समारोह में शनिवार को उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व बिहार के विकास का एक नया अध्याय लिखेगा। लाखों श्रद्धालु यहां आएंगे और उनका आशीष गुरु गोविंद सिंह के आशीर्वाद में इजाफा कर देगा। गुरु गोविंद सिंह ने जाति, संप्रदाय और लिंग भेद से ऊपर उठ कर पूरे राष्ट्र को एक करने का जो संदेश दिया था वह आज भी प्रासंगिक है।

समापन समारोह में पर्यटन मंत्री अनिता देवी, राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जसबीर सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, प्रकाश पर्व के लिए बनी उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष पूर्व मुख्य सचिव जीएस कंग, विभागीय जांच आयुक्त अमिता पाल सहित अनेक विशिष्ट व्यक्ति मौजूद थे। समारोह का संचालन कर रहीं पर्यटन विभाग की प्रधान सचिव हरजोत कौर ने कहा कि सम्मेलन में आस्ट्रेलिया, कनाडा, यूके, यूएसए, न्यूजीलैंड, मलेशिया एवं म्यांमार के अलावा देश के विभिन्न क्षेत्रों से करीब ख्00 डेलिगेट शामिल हुए।

पूरे देश में पांच गुरुतख्त

राज्यपाल ने कहा कि पूरे देश में पांच गुरु तख्त हैं। तीन तो पंजाब में हैं, और एक महाराष्ट्र में। यह हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि बिहार के पटना साहिब में भी एक गुरु तख्त है। खालसा पंथ ने हमेशा अत्याचार एवं आतंक के खिलाफ आवाज बुलंद की है। सिख समुदाय ने हरित क्रांति से लेकर हर क्षेत्र में सराहनीय योगदान दिया है। इनकी दो प्रतिशत आबादी है, लेकिन सैन्य सेवा में इनकी ख्0 प्रतिशत मौजूदगी है।

पांच परम वीर चक्र, ब्0 महावीर चक्र और ख्09 वीर चक्र इनके खाते में हैं। सिख समुदाय से राष्ट्रपति बने ज्ञानी जैल सिंह को मैं जनता का राष्ट्रपति मानता हूं। वह जमीन से जुड़े राष्ट्रपति थे। राज्यपाल ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के संदेश भौतिकतावाद से त्रस्त मानव जाति के लिए बहुत प्रासंगिक है। वह अनूठे कवि भी थे। उनकी रचनाओं में भक्ति एवं मुक्ति के ऐसे भाव हैं जिनमें मनुष्य अपना कल्याण देख सकता है।

समारोह को संबोधित करते हुए जसबीर सिंह ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह के विचार आज की परिस्थिति में बहुत प्रासंगिक हैं। उनके विचार भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में सहायक हाेंगे, जहां सभी में राष्ट्रभक्ति की भावना रहेगी। अनिता देवी ने सिखों के सैन्य सेवा में योगदान की सराहना करते हुए कहा कि इनके खेल, फिल्म, गायकी आदि में भी योगदान की जितनी सराहना की जाए, कम है।

जीएस कंग ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने महिलाओं की समान भागीदारी पर हमेशा जोर दिया। वहीं, अमिता पाल ने कहा कि उनके विचारों को केवल सिखों तक सीमित नहीं किया जा सकता। उनके संदेश पूरी मानवता के लिए हैं। समारोह के अंत में उड़ी में शहीद हुए क्7 जवानों को एक मिनट का मौन रख श्रद्धांजलि भी दी गई।