दैनिक जागरण आई एक्सक्लूसिव

- वायरल के सीजन में बढ़ी डिहाईड्रेशन की प्रॉब्लम, बिना दस्त उल्टी शरीर से पानी हो रहा कम

- वायरस ने बदला रूप, तेज बुखार के साथ हो रही शरीर में पानी की कमी, डॉक्टर्स भी चकित

KANPUR: वायरल के सीजन में बीमारियां फैलाने वाले वायरस ने भी रूप बदल लिया है। वायरस का ये बदला रूप डॉक्टर्स की परेशानी का सबब बन गया है। क्योंकि बिना उल्टी और दस्त के ही ये वायरस शरीर का सारा पानी पिए जा रहा है। हालांकि डॉक्टर्स के मुताबिक वायरस हर सीजन में म्यूटेट होता है। इस वजह से बीमारी के लक्षणों में परिवर्तन होता है। बस राहत कि बात ये है कि बेहतर इलाज से इसे पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है। ऐसे में सिर्फ सही इलाज की जरूरत है।

डिहाईड्रेशन देने वाला बुखार

मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। एसके गौतम ने बताया कि वायरल के जो मरीज आ रहे हैं उनके शरीर में पानी की बेहद कमी देखी जा रही है। बड़ी संख्या में बुखार के मरीज डिहाईड्रेशन के शिकार हैं। खास बात यह भी है कि बुखार की शुरुआत में उल्टी-दस्त की शिकायत भी नहीं हुई। फिर भी शरीर में पानी कम हो गया। वहीं उर्सला में सीनियर फिजीशियन डॉ। शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि वायरल के जो भी मरीज आ रहे हैं, उनमें डिहाईड्रेशन की प्रॉब्लम काफी ज्यादा है।

खुद डॉक्टर बनना बना मुसीबत

बुखार या दूसरी बीमारी होने पर लोग अपनी मर्जी से या मेडिकल स्टोर से खरीद कर दवा खा लेते हैं, ऐसे में कई बार आराम मिलने की बजाय नुकसान भी हो जाता है। इमरजेंसी में आने वाले कई पेशेंट्स से बातचीत के दौरान पता चलता है कि कई दिनों तक वह मेडिकल स्टोर से दवा खरीद कर खाते रहे या फिर ग्रामीण क्षेत्र में किसी झोलाछाप को दिखा कर इलाज करा लिया। इस दौरान आराम मिलने की बजाय हालत और बिगड़ गई और बुखार जैसी बीमारी में भी अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ गई।

बुखार का हाल-

हैलट की मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पेशेंट- 9ख्8

उर्सला में मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पेशेंट- म्भ्फ्

हैलट के मेडिसिन वार्डो की क्षमता- ख्0ख् बेड

मेडिसिन वार्ड में पेशेंट भर्ती- ख्क्ब्

उर्सला के मेडिसिन वार्ड में भर्ती पेशेंट- क्ख्0

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इलाज से बेहतर बचाव-

- घर में जलभराव न होने दे, जहां पानी जमा हो वहां मिट्टी का तेल डाले, पानी की टंकी को ठीक से बंद रखे

-किसी को जुखाम या खासी हो तो उससे दूरी बनाए, बच्चों को स्कूल न भेजें

- बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह पर पैरासीटामोल खाए

- पूरी आस्तीन के कपड़े पहने, पानी उबाल कर पिए

- रात को मच्छरदानी लगा कर सोए, नीम की पत्ती जलाने से भी फायदा होगा

-ब्लड प्रोफाइल की जांच कराए

- एस्प्रिन, डिस्प्रिन, डाईक्लोफेनिक, निमुस्लाइड और स्टेराइड जैसी दवाओं के इस्तेमाल से बचें

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'बुखार के साथ उल्टी दस्त की प्रॉब्लम होना सामान्य बात है। डेंगू, मलेरिया के पेशेंट्स में भी ऐसे लक्षण पाए जाते हैं, लेकिन उनके कई बार प्लेटलेट्स की भी काफी कमी होती है। इस बार वायरस के प्रभाव की वजह से डिहाईड्रेशन की प्रॉब्लम ज्यादा सामने आ रही है। शरीर में पानी की कमी के साथ सोडियम, पोटेशियम स्तर भी कम हो जाता है। ऐसे में उन्हें फौरन इलाज की जरूरत पड़ती है.'

- डॉ। बृजेश कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज