फोटोग्राफ्स और ऑटोग्राफ्स मौजूद
प्लेटफॉर्म नंबर सात पर यह ट्रेन खड़ी है। इसके दो कोच में विवेकानंद के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं और दस्तावेजों को दिखाया गया है। कोच में प्रवेश करते ही विवेकानंद के जन्मस्थान और उनके घर की बड़ी-सी फोटो देखने को मिल जाएगी। इसके अलावा शिकागो में बिताए गए पल के दुर्लभ फोटोग्राफ्स यहां डिस्प्ले किए गए हैं। विवेकानंद एक्सप्रेस देखने आनेवाले यूथ स्वामी जी के ऑटोग्राफ के पास आकर थोड़ी देर ठहर रहे हैं। कोई उसे अपने मोबाइल के कैमरे में कैद कर रहा है, तो कोई उसकी कॉपी करने की कोशिश कर रहा है। इधर, विवेकानंद की 150वीं जयंती के मौके पर पिछले साल रवाना की गई विवेकानंद एक्सप्रेस गुरुवार की दोपहर बारह बजे पटना जंक्शन पहुंची। एक घंटे तक इसे इसलिए नहीं खोला गया क्योंकि कोई इसका इनॉगरेश्न करने आएंगे। बाद में इसे सामान्य रूप से लोगों के लिए खोल दिया गया.

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