ऑनलाइन मार्केट की दौड़ में आए बिड़ला और अंबानी

बिड़ला और अंबानी के आने से ऑनलाइन मार्केट की  हालत यह हो गई है कि इस क्षेत्र में कमजोर कंपनियां मार्केट छोड़ने के लिए मजबूर हैं। ऑनालाइन बाजार के क्षेत्र में कमजोर कंपनियों के पास ऑनलाइन बाजार में मजबूत कंपनियों के साथ विलय के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। साल 2016 में भी कमजोर ऑनलाइन कंपनियो के विलय होन की संभावना रहेगी। इस दौरान फ्यूचर ग्रुप और भारती एंटरप्राइजेज के बीच भी विलय का सौदा हुआ। इसके अलावा आदित्य बिड़ला समूह ने भी अपना परिचालन पुनर्गठित किया।

यह विदेशी ब्रांड करेंगे ऑनलाइन बाजार का रुख

साल 2016 के शुरुआत में विदेशी ब्रांडों में हेन्ज एंड मौरिट्ज एचएंडएम, गैप और एयरोपोस्टल ने भारतीय ऑनलाइन बाजार में अपनी यात्रा शुरू की है। जबकि जर्मनी की स्पोर्ट्सवियर फर्म एडिडास ग्रुप ने नए साल में अपने खुद के स्टोर्स खोलने की तैयारी की है। जिसके लिए एडिडास ग्रुप ने एकल ब्रांड परिचालन के लिए 100 प्रतिशत निवेश की मंजूरी भी हासिल कर ली है।

13 प्रतशित की बड़त करेगा खुदरा क्षेत्र

बाजार का खुदरा क्षेत्र साल 2020 तक बढ़कर 1300 अरब डॉलर पर पहुंचने की संभवना है। साल 2014 में यह 560 अरब डॉलर का था। साल 2015 में खुदरा क्षेत्र में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा कि साल 2015 चुनौतियों एवं अवसरों का साल रहा। खुदरा कंपनियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बेहतर खुदरा स्थल की अनुपलब्धता रही क्योंकि कई नए मॉल्स बंद होने की वजह से यह स्थिति लगातार खराब होती रही।

Business News inextlive from Business News Desk