- यलो फीवर से दक्षिण अफ्रीका में मृत युवक का शव पहुंचा घर

- बैंक का 2 लाख रुपए का है कर्ज, आर्थिक तंगी में घर वाले

BHATHAT: दक्षिण अफ्रीका में यलो फीवर से मृत चकरामपुर के लहुरा देउर टोला निवासी बाबूलाल यादव का शव गुरुवार को रात परिजन घर लेकर पहुंचे। इसी के साथ एक बार फिर घर में चीख-पुकार मच गई। देर रात तक परिजन शव के दाह संस्कार की तैयारी में लगे थे।

एक माह बाद ही हो गई बीमारी

पिपराइच थाना क्षेत्र के चकरामपुर के लहुरा देउर टोला निवासी बाबू लाल यादव (30) पुत्र फागू यादव का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। 2 लाख रुपए का बैंक का कर्ज भी है। घर को आर्थिक तंगी से उबारने और कर्ज की भरपाई करने के मकसद से 17 फरवरी को बाबूलाल दक्षिण अफ्रीका कमाने के लिए गया। लेकिन एक महीने बाद ही उसको यलो बुखार हो गया।

मासूम बच्चे देख रहे पिता की राह

बाबू लाल यादव पांच भाइयों में सबसे छोटा था। पत्‍‌नी चंदा का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटा अनिकेत (5) और अंकित (2) भी मां के साथ रो रहे हैं। छोटे बच्चों को देखकर गांव के लोग भी द्रवित हो उठते हैं। गुरुवार को रात में भाई फूलचंद एंबुलेंस से शव लेकर गांव पहुंचा।

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यलो फीवर से सावधान!

भटहट स्थित आलमीन हॉस्पिटल के डॉ। कमरे आलम का कहना है कि यलो फीवर तेजी से फैलने वाला संक्रामक फीवर है। यह मच्छर के काटने से होता है। यलो फीवरी आमतौर पर तीन से छह दिन के बीच अचानक बढ़ने लगता है। बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, पीठ दर्द, उल्टी होने लगती है। गंभीर स्थिति में मुंह से खून आने लगता है। सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। समय रहते पहचान होने पर इसके प्रभाव को रोका जा सकता है। वैसे यह गर्म देशों में ज्यादा होता है। लक्षण दिखने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।