-आम आदमी और खास आदमी के लिए अलग-अलग तरह से करती है काम

-ओएलएक्स पर ठगी पर दे रखी है छूट, डीएम के ड्राइवर की जेब कटी तो सभी की हुई चेकिंग

BAREILLY: पुलिस की वर्किंग पर हमेशा ही सवाल खड़े होते हैं। क्योंकि पुलिस आम और खास को अलग-अलग तरह से ट्रीट करती है। ओएलएक्स पर रोजाना आम आदमी महंगे फोन के फेर में ठगी का शिकार हो रहा है, लेकिन पुलिस ने सभी को खुली छूट दे रखी है, न तो पुलिस एफआईआर दर्ज कर रही है और न ही किसी की गिरफ्तारी, लेकिन थर्सडे को जब डीएम आर विक्रम सिंह के ड्राइवर की तहसील स्थित आधार सेंटर पर जब जेब कट गई तो पुलिस ने बहुत ही तेजी दिखाई और आधार सेंटर को बंद कर वहां मौजूद सभी पुरुष और महिलाओं की चेकिंग कर डाली लेकिन रुपए नहीं मिले।

केस 1-

आईफोन के जगह थ्ामाई डमी

पीलीभीत के रहने वाला अकील ने ओएलएक्स पर फोन देखा था। उसे ओएलएक्स पर आईफोन 6 दिखाया गया था, जिसकी कीमत 15 हजार रुपए बताई थी। उन्हें सिटी स्टेशन पर आकर युवक ने फोन दिया था। जब उन्होंने फोन ओपन किया था तो वह डमी निकला था। जिसके बाद उन्होंने 6 फरवरी को कोतवाली में मामले की शिकायत की थी। उन्होंने थाने में तहरीर दी तो कह दिया गया था कि मामला साइबर ठगी का है और वह साइबर सेल में जाए। जिसके बाद न तो पुलिस ने इस केस में कोई एफआईआर दर्ज की, और जब एफआईआर ही दर्ज नहीं की तो गिरफ्तारी तो दूर की बात है।

नतीजा- न तो एफआईआर और न कोई गिरफ्तारी

केस 2-

फोन चेक कराया तो िनकली डमी

श्यामधाम कॉलोनी मथुरा निवासी ज्ञानीष दुबे को ओएलएक्स पर 55 हजार की कीमत का फोन दिखाकर 18 हजार रुपए में बिक्री का लालच दिया। जब उन्होंने फोन लिया तो उनके हाथ डमी आयी, जिसके बाद वह 29 जनवरी और 10 फरवरी को फोन लेने बरेली पहुंचे। उन्होंने आरोपी शुभम का फोन नंबर और फोटो दिया। उन्होंने थाने में लिखित शिकायत भी दी। जिसके बाद पुलिस ने कुछ दिनों बाद आरोपी शुभम को पकड़ लिया। उसके बाद ज्ञानीष को भी बुलाया गया। जिसके बाद ज्ञानीष के रुपए वापस कराकर मामला रफा दफा कर दिया गया। जबकि इस मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार करना चाहिए था, ताकि पूरे गैंग का खुलासा हो सकता।

नतीजा-एफआईआर दर्ज नहीं की, समझौता कर आरोपी को छोड़ा

केस 3-

आईफोन थे लेकिन बिल नहीं

13 फरवरी को सिविल लाइंस की रहने वाली एक महिला ने भी ओएलएक्स पर आईफोन देखा तो उसने भी खरीदने की इच्छा जताई। उसने फोन बेचने वाले से संपर्क किया तो उसने सिटी स्टेशन के पास फोन लेने के लिए बुलाया, लेकिन जब वह फोन लेने पहुंची तो उन्हें शक हो गया और उन्होंने सुभाषनगर पुलिस को बुला लिया। पुलिस ने फोन बेचने वाले को पकड़ लिया तो उसके पास तीन फोन मिले, जिसमें उसके पास सिर्फ एक का ही बिल था और दो का कोई रिकॉर्ड नहीं था। जिसके बाद पुलिस ने पूछताछ कर उसे भी छोड़ दिया।

नतीजा-सिर्फ पूछताछ कर छोड़ दिया।

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डीएम के ड्राइवर का मामला है भाई

बिहारीपुर निवासी परमात्मा डीएम के ड्राइवर हैं। वह थर्सडे को तहसील स्थित आधार सेंटर पर गए हुए थे। उनके पास करीब 21 हजार रुपए थे। इसी दौरान किसी ने उनकी पॉकेट मार दी। जैसे ही परमात्मा को पता चला तो उन्होंने शोर मचा दिया और तुरंत आधार सेंटर का गेट बंद कर दिया। उस दौरान आधार सेंटर पर महिला, पुरुष, और बच्चों समेत करीब 150 लोग मौजूद थे। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। अब मामला डीएम के ड्राइवर से जुड़ा हुआ था तो पुलिस भी तुरंत हरकत में आ गई।

सभी की कर डाली चेकिंग

कोतवाली और महिला थाना पुलिस आधार सेंटर पर पहुंची और फिर वहां जो भी मौजूद था उसकी चेकिंग की गई। इस दौरान आधार कार्ड बनने का काम भी प्रभावित रहा और पब्लिक को परेशानी भी झेलनी पड़ी। जब सब की चेकिंग हो गई तो किसी के पास से रुपए नहीं निकले, जिसके बाद पुलिस वहां से लौट गई। इस आधार सेंटर पर रोजाना ही इसी तरह से भीड़ लगती है। इसी भीड़ का फायदा जेब कतरे उठाते हैं, हो सकता है कि पहले से भी कई लोगों की जेबें कटी हों, लेकिन इतनी सख्ती कभी नहीं दिखाई गई। अब तो पुलिस रोजाना वहां चीता मोबाइल की विजिट की भी बात कर रही है।

नतीजा-सभी की चेकिंग हुई और रोजाना चीता मोबाइल चेकिंग करेगी।