-अवैध होर्डिगों से जनपद भर में चौराहों के साथ गलियां तक पट जाती हैं

- दीवारों में पेटिंग व पोस्टर चिपकाने की रहती है होड़

-विभाग रहता है खामोश, पहले से चेते तो बढ़ेगा राजस्व

UNNAO:

नये साल की तैयारी में जितने बच्चे व छात्र व्यस्त रहते हैं, उससे कहीं ज्यादा छोटे व बड़े नेता व व्यापारी भी तैयारी में लग जाते हैं कि कैसे लोगों को शुभकामना देकर अपनी ओर ध्यान आकर्षित कर सके। खास बात यह रहती है कि ये लोग शुभकामना तो देने में आगे रहते हैं, लेकिन जनपद के विकास में भागीदार राजस्व व पालिका को अनदेखा कर देते है। जनपद की नगर पंचायत के साथ पालिका से कोई भी इस तरह के विज्ञापन को लेकर निर्धारित शुल्क नहीं देते है। ज्यादातर होर्डिंग्स मानक के अनुरुप भी नहीं होती है। जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी की आशंका भी बनी रहती है।

कितने का होता राजस्व नुकसान

सोर्सेज के अनुसार एक ख्0 फुट लंबी व क्0 फुट चौड़ी होर्डिग्स को लगाने के लिए साल भर का किराया लगभग 7ख्00 रुपये लिया जाता है। कर निरीक्षक के अनुसार सदर क्षेत्र में लगभग क्00 लोगों ने होर्डिग्स लगाने की अनुमति ले रखी है। सत्ता दल की तरफ से तो अभी से ही जनपद भर में होर्डिग्स लगा कर कब्जा कर लिया गया है। राजनीति सूत्रों के अनुसार हर कार्यकर्ता के साथ व्यापारिक नेता को शुभकामना की होर्डिग्स अपने क्षेत्र में पार्टी के नाम से लगवानी होती है।

बिना आवेदन के ही ये लोग शहर भर को अवैध होर्डिग्स से पाटने में लग जाते हैं। ज्यादातर शुभकामना संदेश बल्लियों के सहारे ही लगा दिये जाते हैं। जो जरा सी तेज हवा के झोंके से किसी के ऊपर भी गिर जाते हैं। वहीं बिजली के खंभों में भी जोरशोर के साथ कब्जा तेज हो जाता है।

लगाने के बाद उतारने की सुध नहीं

नये साल का जश्न तो लोग एक सप्ताह तक ही मनाते हैं जबकि उक्त अवैध विज्ञापन बिना किसी रोक टोक के महीनों तक लगे रहते हैं। जिससे कई बार तो लड़ाई झगड़े तक की नौबत आ जाती है। विपक्षी लोग मौका पाकर उन होर्डिग्स के साथ छेड़छाड़ कर दूसरे लोगों के नाम लगा देते हैं। ऐसे में पुलिस के लिए भी कार्रवाई करने में कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

पोस्टर पेटिंग से रंग जाती दीवारें

बड़ी व छोटी होर्डिग्स के साथ विज्ञापन विभाग को चूना तो पोस्टर व पेटिंग भी लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते है। वहीं अभी शिक्षक निर्वाचन चुनाव के दावेदारों के प्रचार पोस्टरों से दीवारों तक ने अपना रंग खो दिया है।

पहले से करे कार्रवाई तो बढ़ेंगा राजस्व

नोडल ऑफिसर नीरज साहू की राजस्व मीटिंग में मिली फटकार के बाद अगर विभाग चेत जाए तो विभाग को राजस्व से कई गुना लाभ मिल सकता है।