-सरकारी तौर पर सूखाग्रस्त घोषित कानपुर में आईपीएल मैचों से बढ़ेगा जल सकंट

-तेजी से गिर रहा है ग्राउंट वॉटर लेवल, पानी के लिए शहर में आए दिन हो रहे बवाल

-ग्रीनपार्क की आउटफील्ड पर ही रोज खर्च होता है 38 हजार लीटर अंडरग्राउंड वॉटर

KANPUR: भीषण सूखे से जूझ रहे महाराष्ट्र में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए हाईकोर्ट ने आईपीएल के मैचों पर रोक लगा दी है। अब यह मैच दूसरी जगहों पर होंगे। कानपुर में पहले ही दो आईपीएल मैच प्रस्तावित हैं इस फैसले के बाद यहां और मैच होने की संभावना भी बढ़ गई है। लेकिन आपको मालूम होना चाहिए कि कानपुर भी इस बार सूखे से जूझ रहा है। जाजमऊ और साउथ सिटी समेत कई मोहल्लों में भीषण जलसंकट है। वहीं ग्रीनपार्क स्टेडियम में मैदान को हरा भरा रखने लिए ही भूमिगत जल स्त्रोतों से हजारों लीटर पानी रोज बहाया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठता है कि ग्लैमरस आईपीएल ज्यादा जरूरी या फिर जल संकट से निजात? कानपुर में पानी को लेकर पिछले 1 महीने से लगातार बवाल हो रहा है। साउथ के किदवई नगर, मछरिया, साकेत नगर, नौबस्ता समेत कई एरियाज में पानी भरने को लेकर रोजाना बवाल हो रहा है।

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आउटफील्ड के लिए पानी की बर्बादी

पानी के संकट के चलते बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के शहरों में होने वाले आईपीएल मैचों पर रोक लगाते हुए उन्हें बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया है। इस स्थिति को अगर यूपी में होने वाले आईपीएल मैचों के बरक्स रख कर देखें तो यहां हालात और भी खराब नजर आते हैं। क्योंकि कानपुर से बुंदेलखंड ज्यादा दूर नहीं है। बुंदेलखंड की स्थिति मराठवाड़ा जैसी ही है। इसके अलावा ग्रीनपार्क में कोई आउटफील्ड को हरा भरा रखने के लिए कोई ट्रीटेड पानी यूज नहीं हो रहा बल्कि सीधे ग्राउंड वाटर का प्रयोग हो रहा है जोकि हर साल लगातार गिरता चला जा रहा है। शायद इस ओर अभी प्रशासनिक अधिकारियों का ध्यान भी नहीं है।

गंगा किनारे वॉटर लेवल की स्थिति

इलाका- पहले - मानसून के बाद (माप ग्राउंड लेवल से है)

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