- अगले साल 50 हजार छात्रों को आरटीई के तहत एडमीशन दिलाने का टार्गेट

- मलाला दिवस पर मिसेज सांसद डिंपल की घोषणा

LUCKNOW: मंगलवार को मलाला दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री आवास पर आरटीई के तहत बेहतर काम करने वालों स्कूलों, टीचर्स और उन छात्रों को सम्मानित किया गया जिन्हें इस कानून के तहत बड़े बड़े स्कूलों में पढ़ने का मौका मिला। भारत अभ्युदय फांउंडेशन की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मिसेज सीएम और कन्नौज की सांसद डिंपल यादव ने छात्रों और अध्यापकों को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

बच्चों को दीजिए शिक्षा का शस्त्र

इस मौके पर उन्होंने कहा कि शिक्षा सभी के लिए जरूरी है। शिक्षा एक शस्त्र है जो मुझे अपने बच्चों को देना है और बेटियों को देना है और उन्हें सशक्त करना है। डिंपल ने कहा कि शिक्षा से ना सिर्फ सही और गलत का पता चलता है बल्कि संघर्ष का सामना करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी बेटे बेटियां हैं जो बेसिक शिक्षा भी हासिल नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार का प्रयास है कि सभी बच्चों का स्कूलों में दाखिला हो और उन्हें क्वालिटी एजुकेशन हासिल हो। इसके लिए सामाजिक रूप से पिछड़े और आर्थिक रूप से गरीब बच्चों और मजदूरों के बच्चों की शिक्षा पर खास ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे बच्चों को भी समान शिक्षा का अधिकार है। शैक्षिक सत्र में ऐसे अधिक से अधिक बच्चों को एडमिशन दिलाया जाए। आरटीआई एक्ट के बारे में जानकारी जरूरी है। जिससे लोगों को उनके अधिकार के बारे में पता चल सके।

दस गुना होगा टार्गेट

इस मौके पर चीफ सेक्रेटरी दीपक सिंघल ने कहा कि अभी तक यूपी में लगभग चार हजार बच्चों को राइट टू एजुकेशन का लाभ मिल रहा है। आने वाले साल में यह टार्गेट दस गुना होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के सेक्रेटरी की ओर इशारा करते हुए कहा कि इस टार्गेट को अगले साल 40 हजार से 50 हजार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसको इंश्योर करना ही होगा। नहीं तो कार्रवाई होगी।

नहीं होने दी जायेगी कोई दिक्कत

दीपक सिंघल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए स्कूलों से बात करें। पहले शांति से बात करें और अगर नहीं मानते हैं तो अशांति से बात कीजिए। क्योंकि हर स्कूल को सरकार की ओर से किसी ना किसी ओर से मदद मिली होगी। ऐसे में अगर शांति से नहीं मानते हैं तो अशांति से बात कीजिए। अगर 50 हजार बच्चों का भविष्य सुधरता है तो इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं होगी।

मौसम खराब होने की वजह से नहीं पहुंच पाये सीएम

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बतौर मुख्यअतिथि शामिल होना था। लेकिन सैफई में मौसम खराब होने की वजह से वह लखनऊ नहीं पहुंच पाये। उनके स्थान पर डिंपल यादव ने मोर्चा संभाला और बच्चों के साथ टीचर्स को मलाला डे पर अवार्ड सौंपे। इस मौके पर सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर अहमद हसन, यासर शाह, वसीम अहमद समेत काफी संख्या में लोग मौजूद थे।