हकीकत या लापरवाही

गोरखपुर में एनआरआई वोटर हैं या नहीं, ये एक बड़ा सवाल है क्योंकि गोरखपुर से विदेश जाकर बसने वालों की संख्या बहुत अधिक है, मगर वोटर एक भी नहीं है। मतलब साफ है  कि लापरवाही बरती जा रही है। इस लापरवाही के लिए सिर्फ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर ही नहीं बल्कि पब्लिक भी जिम्मेदार है क्योंकि इलेक्शन के अलावा समय-समय पर वोटर  आईडी कार्ड के लिए अभियान चलाया जाता है, मगर कभी भी किसी एनआरआई ने वोटर आईडी के लिए अप्लाई नहीं किया। इस साल वोटर आईडी को और सरल बनाने के लिए  मैन्युअल के साथ ऑनलाइन एंट्री भी स्टार्ट कर दी है। इसके बावजूद अब तक एक भी एप्लीकेशन (फॉर्म 6ए) न तो मैन्युअली रिसीव हुआ है और न ही ऑनलाइन। इलेक्शन ऑफिस  2012 से एनआरआई वोटर की सेप्रेट काउंटिंग कर रहा है मगर अब तक एनआरआई वोटर्स का खाता नहीं खुल सका है।

यूपी में जीरो और केरल में दस हजार एनआरआई

विदेश जाने वालों की संख्या सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि हर स्टेट में काफी अधिक है। मगर ये एनआरआई अपने कीमती वोट का इस्तेमाल नहीं करते, तभी इनका वोटर आईडी कार्ड  नहीं बना है। इसमें सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा में भी एनआरआई वोटर्स की संख्या  जीरो है। केरल में सबसे अधिक 10540 एनआरआई वोटर हैं जिसमें 10091 वोटर्स मेल और 449 वोटर्स फीमेल भी शामिल हैं।

वोटर आईडी कार्ड बनाने का काम चल रहा है। मैन्युअल के साथ ऑनलाइन आने वाली एप्लीकेशंस के भी आईडी कार्ड बनाए जा रहे हैं। अभी तक एक भी फार्म 6ए (एनआरआई के  लिए फॉर्म) सबमिट नहीं हुआ है।

गौरव वर्मा, उप जिला निर्वाचन अधिकारी

केरल में हैं सबसे ज्यादा एनआरआई वोटर

स्टेट          -एनआरआई वोटर (2013)  - एनआरआई वोटर (2012)

केरल         - 10540                    - 9838    

पंजाब         - 77                        - 63    

तमिलनाडु    - 67                          - 21

पांडिचेरी      - 40                          - 34

गोवा         - 21                          - 08

वेस्ट बंगाल  - 10                           - 3

दिल्ली       - 03                           - 14

यूपी          - 00                          - 00