kanpur@inext.co.in
KANPUR : कंट्री में बढ़े यूथ के वोट परसेंटेज के कारण इस बार लोकसभा चुनाव में उनकी अहम भूमिका रहेगी। ऐसे में उनकी चुनावी राय जानना भी उतना ही जरूरी है, जितना किसी प्रत्याशी का चुनाव में उतरना। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट और रेडियो सिटी यूथ को अपने चुनावी मुद्दे शेयर करने के लिए मिलेनियल्स स्पीक नाम से एक मंच उपलब्ध करा रहा है। फ्राइडे को हम यूथ के इन्हीं चुनावी मुद्दों को जानने के लिए राजीवपुरम में अभिनव सेवा संस्थान पहुंचे, जहां यूथ ने बड़े ही दमदार तरीके से अपने चुनावी मुद्दे शेयर किए।

एजुकेशन में हो गुड एक्सपेरीमेंट
चुनावी चर्चा शुरू करते ही पहले से तैयार बैठीं दीपिका, रश्मि व अमीशा ने एजूकेशन के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि मौजूदा गवर्नमेंट ने एजूकेशन के स्तर को सुधारने का काम किया है, जो दिखाई देता है। लेकिन, पढ़ाई के तरीके पर कोई गुड एक्सपेरीमेंट नहीं किया गया। नई पीढ़ी को नए तरीकों से पढ़ाई कराने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी और जूनियर स्कूलों में आज भी बच्चों को जमीन में बैठा कर पुराने ढर्रे पर ही पढ़ाई कराई जाती है। अगर हम उन्हें अपनी आने वाली पीढी मानते हैं तो फिर उन्हें भी बदलते समय के अनुसार ही हाईटेक शिक्षा देने का समय है।

 

प्लानिंग के बाद इम्प्लीमेंट होना जरूरी
ज्योति, निधि व रक्षिता ने कहा कि योजनाएं तो हर गवर्नमेंट बनाती है। लेकिन, उनका ठीक से इम्प्लीमेंट नहीं हो पाता है। जिसको उस योजना की सबसे ज्यादा जरूरत होती है वो पीछे रह जाता है। योजनाओं को उनके स्तर के लोगों तक जल्द से जल्द पहुंचाने की जरूरत होती है। इस ओर काम करने वाली गवर्नमेंट की जरूरत है। मेरा वोट ऐसी ही पार्टी और ऐसे ही नेता को जाएगा, जो इस दिशा में काम करेगा।

 

क्राइम से मिलना चाहिए छुटकारा
बबिता, आशीष व अनिकेत ने कहा कि कंट्री में अभी भी डेवलपमेंट की जरूरत है। हम टेक्निकल फील्ड में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन डेवलपमेंट की फील्ड में और आगे निकलने की जरूरत है। बड़े क्राइम में कमी आई है, लेकिन छोटे चोर, लुटेरों को भी सबक सिखाने से बात बनेगी। उन्होंने क्राइम कंट्रोल और सेफ्टी की बात करने वाली पार्टी और नेता को अपनी कंट्री की कमान सौंपने की बात कही। कंट्री के डेवलपमेंट में साफ सफाई और लोगों की जिम्मेदारी का भी अहम रोल होता है। ऐसे में जो शहर में रूल्स को फॉलो न करे उसे बड़े जुर्माने की सजा मिलनी चाहिए।

 

पॉपुलेशन कंट्रोल पर हो काम
आदर्श, सूरज व हिमांशु ने कहा कि किसी भी देश की सफलता के पीछे उसकी पॉपुलेशन का अहम रोल होता है। हमारी पॉपुलेशन लगातार बढ़ती ही जा रही थी। 130 करोड़ की आबादी वाले इस देश के 40 परसेंट लोगों में आज भी सिविक सेंस की कमी देखने को मिलती है। इसका मतलब हम उन्हें अच्छी शिक्षा नहीं दे पा रहे हैं। निचले तबके के लोगों के बच्चों को पढ़ाने के लिए गवर्नमेंट स्कूलों में फीस तो बहुत वसूली जाती है, लेकिन उसके अनुसार शिक्षा का स्तर नहीं सुधारा जाता है। अगर पॉपुलेशन कम होगी तो गवर्नमेंट की ओर से दी जाने वाले सेवाओं को उन तक लाभ पहुंच सकेगा।

 

जरूरतमंदों को मिले फ्री ईलाज
यूथ ने कहा कि प्राइवेट हॉस्पिटल सिर्फ उनके लिए हैं, जिनके पास पैसा है। जरूरतमंदों को बिना पैसे अच्छा इलाज मिल सके, इस पर गवर्नमेंट को काफी ध्यान देने की जरूरत है। हाल ही में सीएम योगी ने डॉक्टर्स को प्राइवेट क्लीनिक बंद करने के निर्देश भी दिए, लेकिन उन्हें बंद नहीं किया जा सका। डॉक्टर्स को अच्छा खासा पैसा मिलता है, इसके बाद भी गरीब मरीजों के इलाज, ऑपरेशन के लिए गवर्नमेंट हॉस्पिटल में डॉक्टर्स के दलाल पैसा वसूल करते हैं। स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यवस्थाएं प्राइवेट जैसी हाेनी चाहिए.

करप्शन खत्म करने की हो बात
यूथ के साथ उनके कुछ टीचर्स ने भी अपने मुद्दे हमसे शेयर करने को कहा तो हमने उनकी भी बात सुनी। उन्होंने कहा कि जो वादे नेता करते हैं, उनमें से कुछ जनता के मतलब के होते हैं, तो कुछ उनके खुद के मतलब के होते हैं। देश को करप्शन का जड़ से खात्मा करने वाला चाहिए। घूसखोरी और कमीशनखोरी खत्म होनी चाहिए। हम उसे ही अपना नेता चुनेंगे तो अपनी जेब न भरें और जनता के लिए काम करें।

 

 

 

मिलेनियल्स वर्जन-

 

- राजनैतिक पार्टियों में यूथ को भी मौका मिलना चाहिए। क्योंकि वो खुद जानते हैं कि यूथ हमसे क्या चाहते हैं। आज का यूथ एजूकेटेड, शार्प माइंड और लोगों की जरूरतों को समझने वाला है।

- युवाओं को नौकरी और डेवलपमेंट चाहिए। सिर्फ रोजगार के रास्ते बंद करने से काम नहीं चलेगा हमें रोजगार खोलने पर विचार करने की जरूरत है। यूथ समाज में अपनी अलग पहचान बनाना चाहते हैं। इसमें गवर्नमेंट की मदद की बहुत जरूरत ै।

- एजूकेशन और हेल्थ पर काम होना चाहिए। करप्शन मिटना चाहिए। इनमें पहले से कुछ बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं। लेकिन, अभी भी काफी बदलाव की जरूरत है। अक्सर गर्वनमेंट हॉस्पिटल में जरूरतमंद को इलाज नहीं मिल पाता है। इसके लिए किसी कम्प्लेन कमेटी का गठन होना चाहिए।

- करप्शन का मुद्दा मेन है। क्योंकि गवर्नमेंट बनने के बाद अक्सर नेता खुद की जेबें भरने में लग जाते हैं। उन्हें अपनी आने वाली पीढ़ी की चिंता होती है। जनता के पैसों की बर्बादी तक करने से नहीं घबराते हैं। वर्तमान गवर्नमेंट अभी इससे दूर नजर आती है।

- मौजूदा गवर्नमेंट में कई ऐसी योजनाएं बनाई गई हैं, जो यूथ के मतलब की हैं। इन योजनाओं का लाभ उन तक पूरी तरह से नहीं पहुंच पाया है। मुझे लगता है कि इन योजनाओं को घर घर जानकारी देने के लिए गवर्नमेंट को कुछ प्रयास करने चाहिए।

- चुनाव आते ही नेता बरसाती मेंढक की तरह तालाबों से निकलने लगते हैं। चुनाव से पहले नेता घरों के बाहर दिखाई देते हैं। एक बार जीतने के बाद गायब हो जाते हैं। इस सोच को बदलने की जरूरत है।

- स्टडी और जॉब के लिए लोग बाहर चले जाते हैं। कंट्री में कई बार उनके मतलब का काम नहीं मिल पाता है। अगर उन्हें अगर अपनी काबलियत के अनुसार यहां ही सब कुछ मिल जाए तो कोई कंट्री न छोड़े।

कड़क मुद्दा
कट्री में करप्शन एक कड़क मुद्दा उभर के सामने आया है। रिश्वत लेना और देना हम दोनों को जुर्म मानते जरूर हैं, लेकिन अधिकारी और आम लोग ही इसमें संलिप्त नजर आते हैं। शायद यही कारण है कि हम आज भी पूरी तरह से डेवलप कंट्री नहीं बन पाए हैं। सिर्फ योजनाएं बननी ही नहीं चाहिए, उन पर अमल भी करने की जरूरत है। योजनाएं बनाई जाती हैं और कुछ दिनों बाद करप्शन की भेंट चढ़ जाती हैं। अगर उनपर काम भी होता है तो करप्शन की वजह से घटिया क्वालिटी का काम किया जाता है। इन पर लगाम क्यों कसी नहीं जाती है। इन कमियों को दूर करने वाली सरकार चाहिए.

 

 

मेरी बात-
चुनाव आने से पहले लुभावने वादे करने वाले नेता नहीं चाहिए। जीत कर अपने घर बैठने वाले नेता भी नहीं चाहिए। हमें जनता की समस्याओं के लिए लड़ने वाले नेता चाहिए। जरूरत पर मिलने वाले लोकल नेता चाहिए। ऐसी ही पार्टी की गवर्नमेंट भी बननी चाहिए। डेवलपमेंट थम सा गया है। लेकिन, अन्य चीजों में सुधार दिखाई देता है।

 

वर्जन
ऐसी गवर्नमेंट चाहिए, जो देश को समृद्धि की ओर मोड़े। अगर सभी डिपार्टमेंट से भ्रष्टाचार का सफाया हो जाए तो यूथ का भी भला हो सकता है। हम किसी भी डिपार्टमेंट में जाते हैं तो कोई भी काम रिश्वत देकर करा सकते हैं। चाहें फिर क्यों न गवर्नमेंट का नुकसान ही हो रहा हो। गवर्नमेंट को होने वाले नुकसान के पीछे उनके करप्ट अधिकारी और कर्मचारी भी होते हैं। अपने मतलब के लिए वो गलत को भी कागजों पर सही दिखा देते हैं। इन पर लगाम कसने की जरूरत है।

- यूथ को अपने विवेक से नेता चुनना चाहिए। कई बार हम अपने निजी फायदों के लिए लोगों को भी भ्रमित करने का काम करते हैं। किसी भी नेता के लुभावने वादों से पहले उसके बारे में अच्छी तरह से सोच समझ लेना चाहिए। यूथ के मतलब के मुद्दों पर बात करने वाले को अपना वोट देना है। लोगों में सिविक सेंस भी डेवलप हुअा है।

- विमेन सेफ्टी के साथ ही विमेन इम्पॉवरमेंट की भी बात होनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि महिलाओं को भी राजनीति में बराबर से हिस्सेदारी मिले, जिससे वो महिलाओं की समस्याओं को ठीक से समझ सकें। किसी भी नेता के राजनीति में उतरने से पहले उसकी एजूकेशन पर अच्छे से ध्यान देना चाहिए। अगर वो शिक्षित न हो या उसका अपराधिक बैकग्राउंड हो तो ऐसे नेता को यूथ को वोट देने की जरूरत भी नहीं है।