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GORAKHPUR: बीआरडी में इंसेफेलाइटिस पीडि़त मरीजों की मौत के लिए जिम्मेदार 9 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई जिनमें चार जेल भी भेज दिए गए हैं लेकिन लापरवाही यहीं तक नहीं है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इंसेफेलाइटिस पीडि़त मासूमों के विकलांग होने या मौत हो जाने के बाद की हालात की पड़ताल की तो जो हकीकत सामने आई वह हैरान कर देने वाली है। इंसेफेलाइटिस से मरने वाले मासूमों के परिजनों को शासन की तरफ से 50 हजार तो विकलांग हुए मासूमों को एक लाख रुपए का मुआवजा दिया जाता है। लेकिन, इस मुआवजे के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। यदि रिश्वत नहीं दिया तो मुआवजा भी मिलना मुश्किल है।

 

50 हजार के लिए 50 चक्कर

गोरखपुर के जंगल डुमरी नंबर एक का टोला भंडारो निवासी सुरेंद्र और पत्नी शीला के दो बेटे सात साल के अजय और पांच साल के दीनदयाल को 2006 में तेज बुखार लगा। इलाज के लिए बीआरडी में भर्ती कराया। इंसफेलाइटिस से दीनदयाल की मौत हो गई। अजय ठीक होकर घर पहुंच गया लेकिन तब तक परिवार कर्ज के बोझ से दब गया था। 50 हजार रुपए मुआवजा के लिए सुरेन्द्र कभी बीआरडी तो कभी ब्लॉक पर दौड़ते रहे। एक साल तक दौड़ने के बाद जब ब्लॉक पर एक हजार रुपए दिए तब जाकर उन्हें इसी 19 जुलाई को 50 हजार का चेक मिला। इस तरह कितने ही मासूमों की मौत के बाद उनके परिजनों को मुआवजे के लिए परेशानी हो रही है।

 

दो साल में एक को भी मुआवजा नहीं

2014 से अब तक के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो मौत के मामले में तो अधिकतर को मुआवजा मिला है लेकिन विकलांग हुए बच्चों के परिजनों का मुआवजा देने में काफी लापरवाही की गई है। 32 विकलांगों में सिर्फ 5 को मुआवजा दिया गया है। यही नहीं, इस साल व पिछले साल तो मुआवजा के लिए एक भी आवेदन तक नहीं है जबकि इन दो वर्षो में 20 बच्चे विकलांग हुए हैं।

 

मुआवजे की यह है प्रक्रिया

इंसेफेलाइटिस से मौत और विकलांग की स्थिति में मुआवजा लेने के लिए पहले सीएमओ कार्यालय में प्रमाण पत्र का सत्यापन कराना होता है। सत्यापन के बाद फाइल संबंधित ब्लॉक को भेज दी जाती है। पीडि़त परिवार को वहीं से मुआवजा लेना होता है।

 

 

जिले में इतनी हुई मौतें

वर्ष मौत

2014 187

2015 89

2016 127

2017 59

 

इतनों को मिला मुआवजा

वर्ष मौत का मुआवजा

2014-15 183

2015-16 81

2016-17 101

 

 

मंडल में इतने हुए विकलांग

वर्ष विकलांग

2013 40

2014 61

2015 19

1 जनवरी 2016 से 8 अप्रैल 2017 तक -18

 

जिले में इतने हुए विकलांग

वर्ष विकलांग

2013 12

2014 11

2015 09

1 जनवरी 2016 से लेकर 8 अप्रैल 2017 तक- 08

 

जिले में इतनों को मिला मुआवजा

वर्ष विकलांग

2014-15 05

2015-16 00

2016-17 00

सोर्स: मनोविकास केंद्र