डॉ अनमोल हसन दिल्ली विवि में पढ़ाते हैं। दिल्ली से पटना आने वक्त अगर कभी फ्लाइट रिशेड्यूल्ड या कैंसिल होती है, तो मोबाइल पर मैसेज आ जाता है। पर, पटना से ऐसा होने पर कोई सूचना नहीं मिलती। दरअसल, पटना से फ्लाइट पकडऩे वाले पैसेंजर्स की कंप्लेन है कि उन्हें एयरलाइंस कंपनियों द्वारा इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी जाती। पैसेंजर्स को फ्लाइट के कंडीशन की सूचना काउंटर्स पर मिलती है। नाम ना छापने की शर्त पर किंगफिशर व एयर इंडिया के अधिकारी ने बताया कि पटना में मैक्सिमम टिकट ट्रैवेल एजेंसी के थ्रू कराया जाता है और बुकिंग में नंबर ट्रैवेल एजेंसी का ही होता है। इसलिए हो सकता कि मैसेज उसी के पास चला जाता हो। अमूमन हर कंपनी का यही कहना है, पर ऑफिशियली कोई भी कहने से बच रहा है.

सुविधा भी तो नहीं
विंटर सीजन को एयरपोर्ट अथॉरिटी हंगामा सीजन मान कर चलते हैं। इनका कहना है कि खराब मौसम की वजह से सबसे अधिक इफेक्ट फ्लाइट्स पर ही पड़ता है। वैसे, जिस तरह से लखनऊ या दिल्ली एयरपोर्ट पर वेदर फॉरकास्ट डिवाइस लगा है, उससे न सिर्फ कोहरे की जानकारी मिलती है, बल्कि 350 मीटर की रेंज में भी फ्लाइट लैंड करा ली जाती है। अफसोस कि ऐसी सुविधा पटना एयरपोर्ट के पास नहीं है।