इंफॉरमेशन कैप्चर करते हैं कैमरे

उत्तराखंड में यह पहला ऑल इंडिया टूर्नामेंट हैं। जहां डिसिजन के लिए कैमरे की सहायता ली जा रही है। इससे पहले गोल्ड कप सहित कई बड़े टूर्नामेंट में ग्राउंड के अंपायर ही डिसिजन देते आए हैं, लेकिन प्लेयर्स के हित को ध्यान में रखते हुए गिरीश भद्री टूर्नामेंट में तीसरी आंख यानि कि कैमरे की सहायता ली जा रही है। ग्राउंड के चारों ओर इसके लिए बकायदा चार स्पेशल कैमरे लगाए गए हैं, जो खेल के हर सेकेंड की जानकारी कैप्चर करेगा। फिल्ड अंपायर को डिसिजन देने में किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है, तो थर्ड अंपायर कंप्यूटर में मैच का रिप्ले देखकर अपना डिसिजन देगा।

हर मूमेंट पर रहती है नजर

इस टूर्नामेंट में बीसीसीआई लेवल 1, ए ग्रेड, यूपीसीए एंड डीडीसीए पैनल के अंपायर व स्कोरर पहुंचे हैं। कैमरे से कैप्चर होने वाले वीडियो को एनालाइज करने के लिए बकायदा बीसीसीआई से एफीलेटेड वीडियो एनालिस्ट सुधीर सिंह आए हैं, जो कंप्यूटर पर हर वक्त अपनी पैनी नजर रखते हैं। डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, एचडी कैमरा व पीएसएस सॉफ्टवेयर की मदद से मैच पल-पल की पिक्चर कैद की जाती है, ताकि मैच खेल रहे प्रतिभावान प्लेयर्स को सही डिसिजन मिले।

हमारी कोशिश रहती है कि हम प्लेयर्स को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रोवाइड करायें। यह ऑल इंडिया टूर्नामेंट है। टूर्नामेंट में डिसिजन को लेकर किसी प्रकार का कन्फ्यूजन न हो इसलिए ग्राउंड पर कैमरे लगाए गए हैं.  फिल्ड अंपायर्स को डाउट होगा तो थर्ड अंपायर कंप्यूटर में कैप्चर होने वाले विडियो का रिप्ले देखकर अपना डिसिजन देगा।

 -अनिल डोभाल, टूर्नामेंट ऑर्गनाइजर एंड प्रेसीडेंट ऑफ एवाईसीसी