- अकेले लखनऊ में डेंगू के 87 मामले

- डेंगू के सबसे ज्यादा मरीज लखनऊ में

- कुल 174 डेंगू के मरीज, केवल दो की मौत

LUCKNOW: डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन डेंगू की चपेट में आकर किसी न किसी की मौत हो रही है। इसकी रोक थाम के लिए सरकार व प्रशासन के द्वारा उठाये गये कदम ना काफी साबित हो रहे है। ऐसे में प्रदेश में डेंगू के तीस नए मामले स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बना रहे है। प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अरूण कुमार सिंहा ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश में डेंगू के 32 नए मामले प्रकाश में आए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक कुल 174 मरीज डेंगू से प्रभावित हुए हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा जारी रिपोर्ट के अुनसार इस घातक बीमारी से अभी तक केवल 2 व्यक्तियों की मृत्यु होने की पुष्टि हुई है।

जपानी इंसेफलाईटिस से हुई चार की मौत

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जापानी इंसेफलाईटिस बुखार से 866 रोगियों की पुष्टि हुई है तथा 4 लोगों की मृत्यु हुई है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में कालाजार से 66 तथा चिकुनगुनिया से 2 मरीज ग्रसित मिले हैं। लेकिन इस बीमारी से किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।

अकेले लखनऊ में डेंगू के 87 मरीज

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अरूण कुमार सिंहा ने बताया कि डेंगू के मामले 10 जनपदों में मिले हैं। जिसमें से सबसे ज्यादा मामले लखनऊ में पाये गये है। अकेले लखनऊ में ही डेंगू के 87 मरीज है। इसके अलावा बस्ती में 1, सीतापुर में 6, उन्नाव में 2, कानपुर नगर में 10, हमीरपुर में 5, बांदा में 9, मेरठ में 19, गाजियाबाद में 34 तथा गौतमबुद्धनगर में 1 मरीज डेंगू से ग्रसित है।

इलाज में की लापरवाही तो होगी कार्रवाई

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव अरूण कुमार सिंहा ने महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सहित सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को डेंगू से पीडि़त मरीजों के बेहतर इलाज करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यदि इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही बरती गई यदि कोई शिकायत मिलती है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।