दोषियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की गई है। सवाल आयोजकों पर है कि कैसे बिना जांचे इन फेक कंपनियों को इजाजत दी गई?

बड़े दावे

 शनिवार और रविवार दो दिन सर छोटू राम में प्लेसमेंट फेयर आयोजित किया गया था। कॉलेज ने दावा किया कि 15 से 20 नामी कंपनियां बुलाई जाएंगी। जिस कॉलेज में सालों से कोई कंपनी नहीं आई, उस में पंद्रह दिनों के भीतर 16 कंपनियां प्लेसमेंट के लिए आ गई।

दूसरे दिन गायब

दो मार्च को शुरू हुए प्लेसमेंट फेयर में पहले दिन 16 कंपनियों ने करीब तीन सौ छात्रों को फाइनल राउंड के लिए सेलेक्ट किया। सभी का फाइनल इंटरव्यू तीन मार्च यानी रविवार को होना था। रविवार सुबह से ही अपने फाइनल इंटरव्यू के बाद अप्वाइंटमेंट लेटर के इंतजार में सैंकड़ों छात्र कॉलेज पहुंचे। घंटों के इंतजार के बाद भी कोई कंपनी वापस फाइनल राउंड के लिए नहीं आई। इस पर छात्रों का पारा चढऩे लगा। वो नौकरी के चक्कर में चुपचाप खड़े रहे।

कर दिया हंगामा

छात्र नेता गगन सोम ने एनएस टेक्नोलॉजी के रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बाकी कंपनियों के एचआर मैनेजर के बारे में पता किया तो बताया गया कि सभी कंपनियों के मैनेजर इंटरव्यू ले रहे हैं। अंदर जाकर देखा गया तो वहां कोई इंटरव्यू नहीं चल रहा था। इतनी ही देर में, जो आदमी रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठा था, वही आकर इंटरव्यू लेने लगा। इस पर छात्र भडक़ गए। उन्होंने हंगामा शुरू किया। हंगामा शुरू हुआ ही था कि पांच-दस मिनट के भीतर ही एनएस टेक्नोलॉजी वाले काउंटर छोड़ कर भाग गए।

नहीं पहुंचे अधिकारी

इस पर छात्रों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। जो शांत बैठे थे उन्होंने भी कुर्सी टेबल उठाकर फेंकना शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ा लेकिन कॉलेज की तरफ से कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। काफी देर हंगामे के बाद कॉलेज के एओ कर्नल गोविल मौके पर पहुंचे और छात्रों को शांत कराने का प्रयास किया।

चीफ प्रॉक्टर से मिले

गुस्साए छात्र कुलपति के कैंप ऑफिस पहुंचे। यहां कुलपति के न मिलने से छात्र और भडक़ गए। हंगामा बढ़ा तो चीफ प्रोक्टर जितेंद्र ढाका मौके पर पहुंचे। उन्होंने छात्रों की शिकायत रिसीव की। छात्रों की मांग है कि कॉलेज के एओ कर्नल गोविल और टीपीओ एसएन मिश्रा और एनएस टेक्नोलाजी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।

पैसे लेकर भागी

बता दें कि एनएस टेक्नोलॉजी के नाम पर आए लोग तो भाग ही गए। वहीं वो कंपनियां भी रजिस्ट्रेशन फीस लेकर भाग गई जिन्होंने तीन मार्च को फाइनल इंटरव्यू के लिए कैंडीडेट्स को बुलाया था। गगन सोम ने बताया कि दोनों दिन के मिलाकर करीब 300 छात्रों से सभी कंपनियों ने ठगी की है।

बिना जांच के कैसे आई कंपनी?

अगर किसी कंपनी के नाम पर फर्जी लोग भी आए तो वो कैंपस में दाखिल कैसे हुए। कॉलेज के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर्स ने कंपनियों के प्रतिनिधियों के बारे में क्रास चेकिंग कंपनी हेडक्वाटर से क्यों नहीं की गई। सवाल उठता है कि जब कॉलेज में सालों से कंपनियां नहीं आ रही थी तो अचानक से इतनी कंपनियां आने को कैसे तैयार हो गई?

अप्रैल में होगा जॉब फेयर

कॉलेज की तरफ से आश्वासन दिया गया है कि अप्रैल में फिर से प्लेसमेंट फेयर आयोजित किया जाएगा। हालांकि दो साल पहले भी यही आश्वासन देकर हंगामा शांत कराया गया था।

"प्लेसमेंट फेयर के नाम पर रविवार को जो भी हुआ है बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। फिलहाल कुलपति और डायरेक्टर से इस बारे में कोई बात नहीं हो पाई है। जांच से पहले इस मामले में कुछ भी कहना सही नहीं होगा."

त्रिलोचन शर्मा, पीआरओ, सर छोटू राम कॉलेज

"मेरा सेलेक्टशन इंडिया नेक्स्ट में हो गया था, जबकि जेनटेक में पीआई रह गया था। मुझसे 700 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस वसूला गया है। लेकिन अब तो पैसे भी गए और नौकरी का पता नहीं."

प्रशांत भारद्वाज, बीटेक स्टूडेंट, वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

"जेनटेक में एक राउंड क्लीयर हो गया था। लेकिन हंगामे के बाद जो थे वो भी भाग गए। कुल मिलाकर 500 रुपए तो गए समझो."

ऋषभ मौर्य, बीटेक स्टूडेंट, वीरा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग

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